राजस्थान फिर दोहराएगा इतिहास? कांग्रेस की बन सकती है सरकार

राजस्थान (Rajasthan) में शुक्रवार को समाप्त हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के नतीजों में कांग्रेस बीजेपी से कई आगे चल रही है. अभी तक के रुझानों के अनुसार राज्य में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है.

राजस्थान में कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव (File Photo)

राजस्थान (Rajasthan) में शुक्रवार को समाप्त हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के नतीजों में कांग्रेस बीजेपी से कई आगे चल रही है. अभी तक के रुझानों के अनुसार राज्य में कांग्रेस (Congress) को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. अभी तक के रुझानों को देखें तो कांग्रेस 95 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं बीजेपी (BJP) 79 सीटों पर बनी हुई है. इन रुझानों के अनुसार राज्य की सत्ता में बीजेपी लगभग बाहर हो चुकी है वहीं कांग्रेस बहुमत के साथ मुख्यमंत्री (CM)की कुर्सी की ओर बढ़ रही है. राजस्थान विधानसभा के 20 साल के आंकड़ों को देखें तो यहां हर 5 साल में  सरकार की अदला-बदली जारी रही है. राज्य की इसी परंपरा को बरकरार रखते हुए जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने की ओर बढ़ रही है.

राजस्थान का रण हर बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच का मुकाबला रहा है. 1993 से अब तक हुए  पांच विधानसभा चुनावों में इन दोनों पार्टियों के बीच सत्ता की अदला-बदली होती रही है. राज्य की जनता ने हर बार सरकार भांप कर सत्ता की चाभी अलग-अलग नेताओं को सौंपी. 1952 से अब तक राजस्थान विधानसभा के 14 चुनाव हो चुके हैं. 9 बार कांग्रेस की सरकारें बनी तो 4 बार बीजेपी सत्ता में रही. इन दोनों दिग्गज पार्टियों के अलावा एक बार जनता पार्टी की सरकार रही थी.

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1972 तक राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस का एकतरफा दबदबा रहा. 1977 में पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई. इस समय जनता पार्टी ने 200 में से 151 सीटें जीत कर सरकार बनाई और भैरोंसिंह शेखावत पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे. यह भी पढ़ें- राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 नतीजे: रुझानों के अनुसार कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत, बीजेपी पिछड़ी

इसके बाद अगले दो चुनावों (1980 और 1985) में फिर कांग्रेस सत्ता में आई. 1980 से चुनाव मैदान में उतरी बीजेपी को पहली कामयाबी 1990 में मिली. तब पार्टी को 85 सीटें मिली थीं, जिसके बाद भैरो सिंह शेखावत फिर सीएम बने. इसके बाद से बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली जारी है. साल 1998 में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और 200 में से 153 सीटों पर जीत दर्ज की. यह पहला मौका था, जब कांग्रेस ने 150+ सीटें हासिल की. इस जीत के बाद अशोक गहलोत सीएम बने थे. यह भी पढ़ें- राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 नतीजे: चुनाव के परिणाम तय करेंगे, इन 3 नेताओं में से किसकी होगी ताजपोशी

2003 विधानसभा चुनाव में गहलोत दूसरी जीत हासिल नहीं कर पाए और उनके नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा. 120 सीटें जीतकर बीजेपी सत्ता में लौटी, वसुंधरा राजे सीएम बनीं. इसके बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा भी लगातार दूसरी बार जीत नहीं हासिल कर पाईं. इस चुनाव में 96 सीटें पाकर कांग्रेस सत्ता में लौटी, जिसके बाद अशोक गहलोत फिर सीएम की कुर्सी पर बैठे.

इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार सत्ता में उलटफेर हुआ. देश में चल रही मोदी लहर ने राजस्थान विधानसभा के इतिहास में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की. 163 सीटों के साथ वसुंधरा राजे फिर सीएम बनीं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे अपने विजय रथ को आगे नहीं ले जा सकी. अभी तक के रुझानों की माने तो बीजेपी का सता से बाहर होना तय है, वहीं कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से सत्ता की ओर बढ़ रही है.

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