Rakesh Sinha Attack On Rahul Gandhi: राहुल गांधी को हसीन सपने देखने की पुरानी आदत, कांग्रेस भानुमती का कुनबा- राकेश सिन्हा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने की बात कही है.
Rakesh Sinha Attack On Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने की बात कही है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा को अयोध्या की तर्ज पर ही गुजरात में हराएंगे. लोकसभा सांसद के इस वार पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा के राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी के बयान पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, " राहुल गांधी को हसीन सपने देखने की पुरानी आदत है. कुछ चीजें है जो दुर्घटनाओं में हो जाती हैं. लोकसभा चुनाव एक दुर्घटना थी और इसमें कुछ सीट कांग्रेस पार्टी को अधिक मिल गई है."
सिन्हा ने कांग्रेस को संगठन हीन पार्टी करार दिया. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. कांग्रेस का ना अपना संगठन है, ना ही दृष्टि है. जिस पार्टी के पास ना संगठन हो न दृष्टि हो, जो पार्टी भानुमती का कुनबा हो, वह देश में कभी भी विकल्प नहीं बन सकती. सांसद से राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के 'सरकार गिरने' वाले बयान को लेकर भी सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा," वह अपनी पार्टी को संभाल लें. किसी प्रतिभावान व्यक्ति को राजनीति में आगे लाएं. परिवार पर आधारित लोग जो वह परिवार से बाहर जाते नहीं है. उनको दूसरों को नैतिक उपदेश देने का अधिकार नहीं है.'' यह भी पढ़ें: Priyanka Gandhi’s Message to Central Government: केंद्र-राज्य सरकार असम में बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करे- प्रियंका गांधी
बिहार एनडीए में तालमेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गठबंधन धर्म का निर्वाह करती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो नेतृत्व है, वह हमेशा सर्व समावेशी नेतृत्व रहा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक आस्था है. वो स्वतंत्र भारत के किसी नेतृत्व में नहीं है. लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई को, राजद के स्थापना दिवस पर समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच दावा किया था कि केंद्र की एनडीए सरकार अगस्त में गिर जाएगी. उन्होंने कहा था, ''केंद्र सरकार बहुत कमजोर है...बहुत मुमकिन है कि अगस्त तक यह सरकार गिर जाएगी.'' उनके इस बयान के बाद ही आरोप प्रत्यारोप का दौर पक्ष-विपक्ष के बीच शुरू हो गया है.