PM मोदी ने कहा- रमजान के पवित्र महीने में कश्मीर का दौरा करना मेरा सौभाग्य, हिंसा का रास्ता छोड़े नौजवान
मोदी ने कहा, "बेहतरीन सड़क निश्चित ही राज्य की सुंदरता बढ़ाती है. मैं खुश हूं कि राज्य के लोग खुद अपनी मदद करते हैं. मैंने हाल ही में एक वीडियो देखा, जिसमें पांच वर्षीय बच्ची जन्नत डल झील को साफ करते दिखाई दे रही है."
श्रीनगर/जम्मू/लेह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा में शामिल कश्मीरी नौजवानों से घर वापस लौटने और शांति व सम्मान के साथ जिंदगी जीने की शनिवार को अपील की. मोदी यहां जम्मू एवं कश्मीर में कई विकास योजनाओं का उद्घाटन करने और आधारशिला रखने आए थे. सरकार ने दो दिन पहले ही राज्य में बिना शर्त संघर्षविराम की घोषणा की है.
अलगाववादियों द्वारा बंद व विरोध मार्च और श्रीनगर में प्रशासन द्वारा लागू निषेधाज्ञा के बीच मोदी यहां विकास व शांति का संदेश लेकर आए थे. उन्होंने अपने एक दिन की यात्रा के दौरान लद्दाख, कश्मीर घाटी और जम्मू का दौरा किया.
उन्होंने कश्मीर में 330 मेगावाट की किशनगंगा विद्युत परियोजना और 41.2 किलोमीटर लंबी श्रीनगर रिंग रोड परियोजना का उद्घाटन किया.
मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर में पाकुल डुल बिजली परियोजना और 58.2 किलोमीटर लंबे जम्मू रिंग रोड की आधारशिला रखी. उन्होंने यहां ताराकोट मार्ग और वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मटीरियल रोपवे का उद्घाटन किया.
मोदी दिल्ली जाने से पहले शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में शामिल हुए.
मोदी ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र(एसकेआईसीसी) में कहा, "पीडीपी-भाजपा सरकार भटके हुए नौजवानों को उनके घर व परिजनों के पास वापस लाने का हरसंभव प्रयास कर रही है."
उन्होंने कहा, "युवकों को अपने परिवार के पास वापस लौटने का समय आ गया है. भटके हुए युवाओं द्वारा फेका जाने वाला प्रत्येक पत्थर जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के दिल और दिमाग को दुख पहुंचाता है."
मोदी ने कहा, "वे लोग जो सीमा पार से हिंसा फैलाने में मदद कर रहे हैं, खुद ही अलग-थलग पड़ जाएंगे. अटल बिहारी वाजपेयीजी ने हमेशा 'कश्मीरियत' का समर्थन किया और मोदी भी उसी 'कश्मीरियत' को मानने वाला है."
उन्होंने कहा, "राज्य के लोग जानते हैं कि उन्हें कैसे शांति से नफरत करने वाली शक्तियों द्वारा धोखा दिया गया है. केंद्र सरकार ने इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकलने का रास्ता तलाशने के लिए सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए विशेष वार्ताकार की नियुक्ति की है."
मोदी ने कहा, "सभी समस्याओं का एक ही समाधान है और वह विकास है. दुनिया के सभी हिसाग्रस्त देशों ने इसका इस्तेमाल किया और अपने लोगों को बचाया. वह समय जल्द आएगा जब जम्मू एवं कश्मीर पूरे देश में शांति और प्रगति का अग्रवाहक बनेगा."
उन्होंने कहा, "रमजान का पवित्र महीना वह समय है, जब हम पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं के प्रति खुद को समर्पित करते हैं. यह मेरा सौभाग्य है कि रमजान के पवित्र महीने में मैं यहां हूं."
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भी लोग इस किशनगंगा परियोजना से जुड़े रहे हैं, वे सभी सराहनीय हैं, क्योंकि यह एक मुश्किल कार्य था.
मोदी ने कहा, "42 किलोमीटर लंबा श्रीनगर रिंग रोड संपर्क मुहैया कराने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा, जोकि प्रगति और विकास के लिए जरूरी है."
उन्होंने कहा, "पर्यटन जम्मू एवं कश्मीर के विकास का अभिन्न अंग है, लेकिन आज पर्यटन तेजी से बदल रहा है. आज पर्यटक ज्यादा पर्यावरण-प्रणाली और स्वच्छता पर ध्यान देते हैं, आप जितना इस पर ध्यान देंगे, पर्यटक यहां उतना ज्यादा आएंगे."
मोदी ने कहा, "बेहतरीन सड़क निश्चित ही राज्य की सुंदरता बढ़ाती है. मैं खुश हूं कि राज्य के लोग खुद अपनी मदद करते हैं. मैंने हाल ही में एक वीडियो देखा, जिसमें पांच वर्षीय बच्ची जन्नत डल झील को साफ करते दिखाई दे रही है."
वहीं मुख्य जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को यहां रमजान संघर्षविराम के दौरान भी पाकिस्तान द्वारा भारत की तरफ से दिखाए जाने वाले 'सद्भावना संकेत' का सकारात्मक तरीके से जवाब नहीं देने पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, "रमजान संघर्षविराम की घोषणा करने के लिए बड़ा दिल और मजबूत स्थिति की जरूरत थी. आपने (मोदी) हमारे लोगों के घाव पर मरहम लगाने का काम किया है और मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि आपकी सकारात्मक पहल का जवाब हमारे लोगों द्वारा 10 सकारात्मक कदम उठाकर दिया जाएगा."
महबूबा श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान हमारे सद्भावना संकेत पर सकारात्मक जवाब नहीं दे रहा है. अगर उन्होंने सकारात्मकता दिखाई होती तो कल (शुक्रवार) जम्मू में सीमा पार से पाकिस्तान की गोलीबारी में हमें मूल्यवान जिंदगियां नहीं गंवानी पड़ती."