कोलकाता: सूबे की सीएम ममता बनर्जी के गढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीएमसी को निशाने पर लिया. पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के जनसभा के दौरान पीएम ने पोस्टर वॉर का जिक्र करते हुए कहा कि मैं ममता दीदी का आभारी हूं. दरअसल, पीएम मोदी की जनसभा के चलते टीएमसी (TMC) ने पूरे इलाके को अपने पोस्टरों से पाट दिया था. पीएम ने कहा कि किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पड़ी ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है.
मोदी ने आगे कहा कि बंगाल में किसान के बारे में किसी ने नहीं सोचा. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के लिए आंदोलन करते रहे. पहले हर सरकार ने एमएसपी की मांग को ढाला. हर सरकार में किसानों के लिए MSP बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन फाइलों को दबा दिया गया. देश बदलाव के दौरे से गुजर रहा है.
Main Mamata didi ka abhaari hun kyunki maine dekha ki aaj mere swagat mein unhone itne jhande lagaye aur isliye bhi ki swayam haath jod karke PM ke swaagat ke liye apne hoarding laga liye: PM Modi in West Bengal's Midnapore pic.twitter.com/nsRp048yof
— ANI (@ANI) July 16, 2018
The real face of 'Ma Mati Manush' is for everyone to see. There is ' murder your opponents' syndicate operating here. Nothing can happen in West Bengal without the permission of this syndicate. Even doing 'Puja' has become difficult here: PM Modi in Midnapore pic.twitter.com/nlYgm0ho6f
— ANI (@ANI) July 16, 2018
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने किसानों को डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का निर्णय ले लिया.
The syndicate operating here is just for the sake of votebank and for just to stay in power. It alienates the rest of the people of West Bengal:PM Modi in Midnapore pic.twitter.com/HGRqxQD4BI
— ANI (@ANI) July 16, 2018
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें-
-हमने बीज से लेकर बाजार तक काम किया है, सुधार किया है, कई कदम उठाए हैं.
-जंगलों में जो आदिवासी बांबू की जिदंगी जी रहा है उसे बांबू बेचने का हक नहीं, हमने इसमें सुधार किया.
-हमने बंबू को ग्रास मान लिया, घास मान लिया, तृणमूल मान लिया, इसकी कोई भी खेती कर सकता है.
-22 हजार ग्रामीण हाट को मुख्य बाजार से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं.
-किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार सुधार के लिए काम किया जा रहा है.
-सवा सौ करोड़ भारतीय मिलकर #NewIndia के अपने सपने को सच करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.