मुंबई:- महाराष्ट्र (Maharashtra ) की राजनीति फोन टैपिंग ( Phone Tapping) के मुद्दे पर सूबे की राजनीति गरमा गई है. दरअसल शिवसेना (Shiv Sena ) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेताओं का फोन टैपिंग के विवाद जांच के आदेश दे दिया गया है. वहीं अपने उपर लगे आरोपों के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (CM&BJP leader Devendra Fadnavis) भी मैदान में उतर गए हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्षी नेताओं का फोन टैपिंग महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है. उन्होंने कि हमारी सरकार ने कभी इस तरह का आदेश नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि अभी तो सरकार इनकी हैं किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच करा लें. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पिछले सरकीर में गृह राज्य मंत्री शिवसेना के थे.
बता दें कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी नेताओं के फोन टैप करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया और कहा कि इस संबंध में जांच का आदेश दिया गया है. जब BJP की सरकार थी महाराष्ट्र में तब चुनाव के पहले CP और NCP के बड़े नेताओं के फोन टैप किए गए थे. ये भी इल्जाम लगाए जा रहे हैं कि इस बीजेपी पार्टी ने शासकीय पैसे से कुछ अधिकारी इजराइल भेजे थे और वहां से फोन टैपिंग का सोफ्टवेयर आया था. राज्य पुलिस विभाग के साइबर सेल को उन विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग की शिकायतों की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख बोले, जरूरत पड़ी तो फिर होगी CBI जज लोया केस की जांच.
वहीं इस शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, आपके फोन टैप हो रहे है. ये जानकारी मुझे भाजपा एक वरिष्ठ मंत्रीने भी दे रखी थी. मैने कहां था..भाई साहेब. मेरी बात अगर कोई सुनना चाहता है. तो स्वागत है. मै बाळासाहेब ठाकरेजी का चेला हूं. कोई बात या काम छुप छुपकर नही करता. सुनो मेरी बात. वहीं माना जा रहा कि इस मामले में सायबर और पुलिस विभाग कुछ अधिकारीयों से पूछताछ कर सकती है.
संजय राउत ने कहा कि इन दिनों राजनीति में फोन टैपिंग होती है। मैं इसे गंभीरता से नहीं लेता. गृह मंत्रालय को फोन टैपिंग करने और अपने विरोधियों पर नजर रखने की आदत है. लेकिन फोन टैपिंग करने के बावजूद हमने महाराष्ट्र में सरकार बनाई.