राहुल गांधी के BJP से सांठगांठ वाले बयान पर बोले पी चिदंबरम, किसी भी ने नहीं दिया ऐसा बयान

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में सोमवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक बार फिर से सोनिया गांधी (Interim President Rahul Gandhi) को सौंप दी गई. लेकिन ठीक उससे पहले राहुल गांधी के एक बयान को लेकर CWC में मामला गरमा गया था. जो बाद में शांत हो गया. वहीं इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) का बयान आया है, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पत्र लिखा है वे निश्चित रूप से भाजपा के विरोधी हैं जैसा कि मैं हूं या श्री राहुल गांधी हैं. हमेशा असंतोष होता है, वास्तव में, यह कुछ असंतोष है जो बदलाव लाता है. जब तक असंतोष नहीं होगा, तब तक बदलाव नहीं होगा.

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (फाइल फोटो )

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में सोमवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक बार फिर से सोनिया गांधी (Interim President Rahul Gandhi) को सौंप दी गई. लेकिन ठीक उससे पहले राहुल गांधी के एक बयान को लेकर CWC में मामला गरमा गया था. जो बाद में शांत हो गया. वहीं इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) का बयान आया है, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पत्र लिखा है वे निश्चित रूप से भाजपा के विरोधी हैं जैसा कि मैं हूं या श्री राहुल गांधी हैं. हमेशा असंतोष होता है, वास्तव में, यह कुछ असंतोष है जो बदलाव लाता है. जब तक असंतोष नहीं होगा, तब तक बदलाव नहीं होगा.

पी चिदंबरम ने कहा कि मैं कभी नहीं कहता कि सब ठीक है. क्या समुद्र की लहरें कभी खामोश हो जाती हैं, समुद्र में हमेशा लहरें होती रहेंगी. हमेशा कुछ असंतोष रहेगा. आज हमने कुछ मुद्दों को संबोधित किया है. मुझे लगता है कि आगे जाकर पार्टी मजबूत और अधिक सक्रिय हो जाएगी. सूत्रों ने के मुताबिक राहुल गांधी ने पत्र के समय पर सवाल उठाया था, क्योंकि सोनिया गांधी उस समय अस्पताल में थीं और पार्टी अपनी राजस्थान इकाई में उथल-पुथल का सामना कर रही थी.

ANI का ट्वीट:- 

सीडब्ल्यूसी की बैठक में अंबिका सोनी और अहमद पटेल सहित वफादारों ने असंतुष्टों को घेरा, उन्होंने पूछा, ऐसे वरिष्ठ नेता इस तरह की गलती कैसे कर सकते हैं. इस पर असंतुष्टों ने कहा कि उन्होंने नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया है, बल्कि वह तो संगठन के एक सुधार के लिए इसका पुनर्निर्माण करना चाह रहे थे. सात घंटे की बैठक के दौरान कई बार विवाद हुआ, जब कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि राहुल गांधी ने दावा किया कि यह पत्र 'भाजपा के साथ मिलीभगत' में लिखा गया था.

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