सरकारी बंगलों में जमे पूर्व सांसद ही नहीं बल्कि सांसदों के अतिथि भी बने सरकार के लिए सिरदर्द, घर खाली करने के लिए पुलिस की सहयता लेगी गवर्नमेंट
लुटियन दिल्ली स्थित सरकारी आवास में रहने की पात्रता गंवा चुके पूर्व सांसदों से बंगले खाली कराने के साथ आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय सांसदों एवं मंत्रियों के उन अतिथियों से जबरन बंगले खाली कराने की मुहिम तेज करेगा जो लंबे समय से सरकारी बंगलों में जमे हुए हैं.
लुटियन दिल्ली स्थित सरकारी आवास में रहने की पात्रता गंवा चुके पूर्व सांसदों से बंगले खाली कराने के साथ आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय सांसदों एवं मंत्रियों के उन अतिथियों से जबरन बंगले खाली कराने की मुहिम तेज करेगा जो लंबे समय से सरकारी बंगलों में जमे हुए हैं. मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने ऐसे 45 सांसदों, पूर्व सांसदों की सूची तैयार की है जिनके अतिथि तमाम नोटिस के बावजूद बंगला खाली नहीं कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार सूची में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महेन्द्र नाथ पांडे के अलावा पूर्व सांसद संजय सिंह, उदित राज, ओपी यादव और सी पी जोशी के अतिथि भी शामिल हैं. राजस्थान के भीलवाड़ा से पूर्व सांसद जोशी इस समय राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं. ओपी यादव के अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन पं. पंत मार्ग स्थित सरकारी बंगले में रह रहे हैं.
इनके अलावा सांसद मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी और पूनमबेन मादम और अजय टम्टा के अतिथि भी इस सूची में शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि किसी सांसद के अनुरोध पर उसके अतिथि को इलाज या अन्य किसी विशिष्ट उद्देश्य से तीन महीने के लिये लुटियन दिल्ली स्थित सरकारी आवास आवंटित किया जा सकता है. विशेष परिस्थिति में इस अवधि को तर्कसंगत आधार बताये जाने पर बढ़ाया जा सकता है.
सरकारी संपत्ति से अनधिकृत कब्जों की बेदखली के लिये हाल ही में संसद द्वारा पारित कठोर प्रावधानों वाले सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम 2019 को मंत्रालय द्वारा 12 सितंबर को लागू किये जाने के बाद संपदा निदेशालय ने लुटियन दिल्ली स्थित सरकारी बंगले में रहने की पात्रता गंवा चुके पूर्व सांसदों और सांसदों के अतिथियों से आवास खाली कराने की कार्रवाई तेज कर दी है.
निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि बंगला खाली नहीं कर रहे लगभग 40 पूर्व सांसदों को आवास से पुलिस द्वारा बलपूर्वक बेदखल करने की कार्रवाई पूरी होने के बाद सांसदों के अतिथियों से आवास खाली कराने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि 45 अतिथियों की सूची निदेशालय की अर्द्धन्यायिक इकाई के पास भेज दी गयी है.
अधिकारी ने बताया कि पूर्व सांसदों के बंगले खाली नहीं हो पाने के कारण नवनिर्वाचित सांसदों को भी आवास आवंटन में विलंब हो रहा है. लोकसभा की आवास आवंटन समिति के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने बताया कि सिर्फ़ आठ सांसदों को आवास आवंटित होना शेष है. जल्द ही इन्हें भी आवास मिल जायेंगे. हालांकि कुछ सांसद ऐसे भी हैं जिन्हें बंगला आवंटन होने के बावजूद आवास ख़ाली नहीं होने के कारण इनको अभी आवास सुविधा नहीं मिल सकी हाई.
इस वजह से राज्यों के भवन और वेस्टर्न कोर्ट सहित अन्य अतिथि गृहों में अस्थायी इंतजाम में इन सांसदों को रहना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश की लालगंज सीट से बसपा सांसद संगीता आजाद ने बताया कि उन्हें वेस्टर्न कोर्ट में अस्थायी इंतजाम के तहत रहना पड़ रहा है. आजाद ने कहा, "आवास आवंटन में देरी के लिये निदेशालय के अधिकारी पूर्व सांसदों द्वारा घर खाली नहीं करने को प्रमुख वजह बता रहे हैं. ऐसे में कानून को सख्त बनाने का प्रयोजन ही विफल साबित हो रहा हैं.
सूत्रों के अनुसार विधि मंत्रालय द्वारा तैनात अर्द्धन्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता वाली इस इकाई ने संबंधित सांसद और उसके अतिथि को नोटिस भेज कर सुनवाई के लिये तलब करना शुरु कर दिया है. इसके तहत भाजपा के राज्यसभा सदस्य रणविजय सिंह जूदेव के अतिथि के रूप में लंबे समय से साउथ एवेन्यू स्थित बंगले में रह रहे पूर्व सांसद कामेश्वर सिंह से पिछले सप्ताह बंगला खाली कराया गया .
इस बीच निदेशालय ने तीन अन्य पूर्व सांसदों प्रियंका सिंह रावत, प्रसन्न कुमार पटसानी और पी श्रीनिवास रेड्डी के बंगले पुलिस की मदद से बलपूर्वक खाली कराने का आदेश जारी कर दिया है. भाजपा की पूर्व सांसद रावत को नॉर्थ एवेन्यू स्थित 185 नंबर बंगला, टीआरएस के पूर्व सांसद रेड्डी को महादेव रोड स्थित 11 नंबर बंगला और बीजद के पूर्व सांसद पटसानी को साउथ एवेन्यू स्थित 185 नंबर आवंटित था.