लखनऊ, 1 अक्टूबर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म और बेहरमी से हत्या करने की घटना का संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मामला दो समुदायों के बीच का है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतका के परिवार और गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा दे. सरकार को 4 हफ्तों के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है. डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है ताकि शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित की जा सके और दोषियों को बिना देरी के अदालत द्वारा दंडित किया जा सके.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए मृतका के परिवार के साथ-साथ गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति के अन्य सदस्यों को भी उचित सुरक्षा दी जाए. बता दें कि 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय लड़की के साथ कथित रूप से दुष्कर्म कर क्रूरता बरती गई थी. पहले उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और फिर सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया.
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महानिरीक्षक पीयूष मोर्डिया ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुष्कर्म की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने युवती का गला घोंटा था. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने जिन 4 आरोपियों के नाम लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने कथित तौर पर देर रात अंतिम संस्कार कर दिया और इससे राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया.
परिवार ने दावा किया कि उन्हें आखिरी बार लड़की का चेहरा देखने और विधि-विधान से दाह संस्कार करने की अनुमति नहीं दी गई. बुधवार को मुख्यमंत्री योगी ने पीड़िता के पिता से बात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. साथ ही परिवार के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे और एक सदस्य के लिए नौकरी की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है.