नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में इसी हफ्ते विस्तार की पूरी संभावना है. केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल को लेकर चल रही चर्चा के बीच बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने देवास का दौरा रद्द कर दिया है और आज शाम उनके दिल्ली पहुंचने की जानकारी मिली है. ऐसे में सिंधिया के केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनने की अटकले तेज हो गई है. Modi Cabinet Expansion: कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा के बीच पीएम मोदी ने अमित शाह के साथ की बैठक, इन नेताओं को मंत्रिमंडल में मिल सकती है जगह
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज उज्जैन के महाकाल मंदिर में पूजा की. उन्होंने कहा, ''इस मंदिर के साथ सिंधिया परिवार की अंतरात्मा की भावना जुड़ी हुई है. जब-जब मैं उज्जैन आता हूं, महाकाल के दरबार में भोग लगाना हमारा धर्म और दायित्व दोनो है.” हालांकि उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलने को लेकर कुछ नहीं कहा है.
नरेंद्र मोदी सरकार में जिन नए मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है, उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व कांग्रेस दिग्गज सिंधिया शामिल हैं, जो अब बीजेपी में हैं. मध्य प्रदेश की सत्ता से लगभग सवा साल बाहर रहने के बाद बीजेपी की वापसी कराने में सिंधिया की अहम भूमिका रही है, क्योंकि सिंधिया के 22 समर्थक तत्कालीन विधायकों ने कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी की सदस्यता ली थी. इस घटनाक्रम ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था. ग्वालियर-चंबल इलाका राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता है.
सिंधिया के साथ ही सुशील मोदी, सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है. इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है.
Madhya Pradesh | BJP leader Jyotiraditya M. Scindia offers prayers at Ujjain's Mahakal Temple pic.twitter.com/Tlv25bqIH0
— ANI (@ANI) July 6, 2021
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि बीजेपी की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है. आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर बीजेपी नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं. उल्लेखनीय है कि लोजपा इन दिनों पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाले दो गुटों में बंटी हुई है.
मोदी कैबिनेट में फेरबदल से पहले 8 राज्यों के राज्यपाल बदले गए
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को आठ राज्यों में नए राज्यपाल की नियुक्ति की. सबसे अहम बात है कि मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है. माना जा रहा है कि अधिक उम्र के चलते 73 वर्षीय थावरचंद गहलोत को केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री की भूमिका से हटाकर राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुल आठ राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किया है. इनमें मिजोरम के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा का राज्यपाल बनाया है, इसी तरह हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ट्रांसफर कर त्रिपुरा भेजा गया है. त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है. डॉ हरि बाबू को मिजोरम और मंगुभाई छंगाभाई पटेल को मध्य प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया गया है. गोवा के नेता राजेंद्र विश्वनाथ को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है.
अगर प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा. मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है.