नए साल में होगा मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय, JDU को किया जा सकता है शामिल
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह (Photo Credits-PTI)

मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने सभी 56 मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है. शनिवार 10 घंटे चली मैराथन बैठक में सभी 27 कैबिनेट मंत्री समेत 56 मंत्रियों के कामकाज को कसौटी पर कसा गया. मंत्रियों के कामकाज का मूल्यांकन के उद्देश्य से विभागों को 8 क्लस्टर में विभाजित किया गया था. कुछ एक मंत्रियों को छोड़कर लगभग सभी विभागों के सेक्रेटरी ने अपने अपने विभागों की जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री, परिवहन मंत्री और रेल मंत्री को छोड़कर लगभग सभी विभागों की तरफ से अधिकारियों ने इस विवेचना में भाग लिया. बैठक में शामिल एक मंत्री ने कहा कि पीएम ने सभी क्लस्टर की मीटिंग में हस्तक्षेप किया. जिन लोगों के विभाग से पीएम मोदी (PM Modi) खुश नहीं दिखे, उनमे से कई वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से सबसे ज्यादा जवाब तलब किया गया. जाहिर है वित्त मंत्री फिलहाल अभी सबसे ज्यादा निशाने पर हैं. वित्तिय हालात, मंदी, कॉपोर्रेट जगत की सरकार की नीतियों के प्रति उदासीनता की वजह से वित्त मंत्री पहले से सबके निशाने पर हैं.

कृषि, उपभोक्ता मामले, शहरी, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पशुपालन और मत्स्य मंत्रालय को एक ही क्लस्टर में रखा गया था. पीएम मोदी ने उपभोक्ता मंत्रालय के कामकाज पर नाखुशी जाहिर की है. गौरलतब है कि हाल ही के दिनों में प्याज की बढ़ी कीमतों की वजह से सरकार की जबरदस्त किरकिरी हुई है. जाहिर है कि पासवान अगले विस्तार में मंत्रिमंडल से हट जाएंगे. अगले मंत्रिमंडल विस्तार में रामविलास पासवान की जगह लोजपा से चिराग पासवान जगह लेंगे. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही रामविलास पासवान ने पीएम और अमित शाह से मिलकर अपनी बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर अपने पुत्र चिराग को मंत्रिमंडल में लेने की गुजारिश की थी. यह भी पढ़ें- मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर JDU ने बदला अपना स्टैंड, बिहार सीएम नीतीश कुमार ने कहा- सवाल ही नहीं उठता.

उसी तरह कौशल विकास मंत्री महेंद्र पांडेय के कामकाज से पीएम खुश नहीं हैं. बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई गई कि स्किल इंडिया का अभियान सुस्त हो गया है. वित्त मंत्रालय के बाद सबसे अधिक मानव ससाधन मंत्रालय से सवाल जवाब पूछे गए. माना जा रहा है कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में रमेश पोखरियाल निशंक को कोई दूसरा मंत्रालय दिया जा सकता है. शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी की भी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है.

मंत्रिपरिषद के कामकाज की समीक्षा ऐसे तो छह महीने के बाद हो रही थी. लेकिन पीएम मोदी चाहते थे कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सभी विभागों के मंत्री को अपनी बात रखने का मौका मिले, ताकि सभी जान पाए कि किसको क्यों मंत्रिमंडल से ड्राप किया गया. एक पारदर्शी प्रकिया के तहत मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई.

गौरतलब है कि 14 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. उसमें जेडीयू के कोटे से दो कैबिनेट मंत्री, एडीएमके से एक मंत्री शामिल हो सकते हैं. टीआरएस और अन्य छोटी पार्टियों से बीजेपी आलाकमान बात कर रही है. अकाली दल के कोटे से केंद्र में मंत्री बनी हरसिमरत कौर की जगह सुखबीर सिंह बादल को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है.

बता दें कि इस समय मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं. नियम के मुताबिक 81 मंत्री तक हो सकते हैं. मोदी सरकार 'मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' की नीति पर काम करती है. लेकिन पिछली सरकार में 70 मंत्री थे. ऐसी सभांवना है कि कम से कम एक दर्जन मंत्री और बनाए जा सकते हैं. साथ ही 5 से ज्यादा मंत्रियों के पास तीन से ज्यादा मंत्रालय हैं. उनका भी भार कम किया जा सकता है.