नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यू (JDU) मोदी सरकार में शामिल नहीं होगी. नीतीश कुमार ने कहा कि वे मंत्रिमंडल (Cabinet) में जेडीयू से केवल 1 व्यक्ति चाहते थे. ऐसे में यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी (Symbolic Participation) होती. हमने उन्हें सूचित किया कि यह ठीक है, हमें इसकी आवश्यकता नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए (NDA) में हैं और परेशान नहीं हैं. हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है.
Bihar CM Nitish Kumar: They wanted only 1 person from JDU in the cabinet, so it would have been just a symbolic participation.We informed them that it is ok we don't need it. It is not a big issue, we are fully in NDA and not upset at all.We are working together,no confusion. pic.twitter.com/AsDa8EUnUN
— ANI (@ANI) May 30, 2019
Bihar Chief Minister Nitish Kumar arrives at Rashtrapati Bhavan ahead of Prime Minister Narendra Modi's swearing-in ceremony. #ModiSwearingIn pic.twitter.com/OympUwB3Rx
— ANI (@ANI) May 30, 2019
हालांकि, इसके बावजूद नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) पहुंचे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेडीयू को उम्मीद थी कि उन्हें तीन मंत्री पद मिलेगा, 2 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री. हालांकि बीजेपी ने केवल एक कैबिनेट मंत्री जेडीयू को ऑफर किया. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की था. समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने सरकार में जनता दल यू के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की थी. यह भी पढ़ें- बिहार से ये नेता बनेंगे मोदी सरकार में मंत्री, रेस में इन नेताओं का नाम है सबसे आगे
चर्चा थी कि मुंगेर से सांसद और नीतीश कुमार के करीबी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री और पूर्णिया से जेडीयू सांसद संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा आरसीपी सिंह का नाम भी मंत्री पद के लिए आगे चल रहा था. गौरतलब है कि लोकसभा 2019 के चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़े थे, जबकि एलजेपी ने छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इसमें बीजेपी ने सभी 17 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि जेडीयू ने 17 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की है. एलजेपी ने भी सभी छह सीटों पर जीत का परचम लहराया.