MNS चीफ राज ठाकरे ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, अमित शाह से पूछा क्या आप फाइटर जेट के को-पायलट थे ?

महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने शनिवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना की कोई फिक्र नहीं है. पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को दोहराया.

पीएम मोदी और राज ठाकरे (Photo Credits: FB/IANS)

मुंबई: महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने शनिवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना की कोई फिक्र नहीं है. पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को दोहराया. उन्होंने आरोपों से सहमति जताते हुए कहा पुलवामा हमले के वक्त प्रधानमंत्री कॉरबेट नेशनल पार्क में एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. साथ ही उन्होंने कुछ तस्वीरें भी दिखाई.

महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के 13वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने दावा किया कि भारतीय वायु सेना बालाकोट में निशाना चूक गयी क्योंकि मोदी सरकार ने उन्हें गलत सूचना दी थी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री स्वयं कहते हैं कि देश में राफेल जेट होता तो परिणाम और बेहतर होता, यह हमारे जवानों का अपमान है.’’

मनसे प्रमुख ने कहा, ‘‘झूठ बोलने की भी कोई सीमा होती है. चुनाव जीतने के लिए झूठ बोला जा रहा है. चुनाव जीतने के लिए अगले एक दो महीनो में पुलवामा के समान एक और हमला होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक दुश्मन देश के बाहर है अथवा देश के अंदर.’’

राज ठाकरे ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान में आतंकवादियों पर किए गए हवाई हमलों में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर बयानबाजी शुरू की. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी आकड़ें बताए थे तो क्या वें को-पायलट बनकर बैठे थे?

इससे पहले मनसे प्रमुख ने पिछले महीने पुलमावा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को राजनीतिक शिकार करार दिया था. राज ठाकरे ने दावा किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से पूछताछ करने पर सच्चाई सामने आ जाएगी.

ठाकरे ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में कहा, ‘‘यदि एनएसए डोभाल से पूछताछ की जाती है तो पुलवामा आतंकी हमले की सच्चाई सामने आ जाएगी.’’

मनसे प्रमुख ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवान ‘‘राजनीतिक शिकार’’ बने और हर सरकार ने इस तरह की चीजें गढ़ीं, लेकिन मोदी के शासन में यह अक्सर हो रहा है.

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