लोकसभा चुनाव 2019: मुंबई में कांग्रेस ने किया सबसे बड़ा बदलाव, संजय निरुपम की जगह मिलिंद देवड़ा को सौंपी पार्टी की कमान

कांग्रेस की मुंबई इकाई के नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान की पृष्ठभूमि में सोमवार को पार्टी ने संजय निरूपम ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा को कमान सौंप दी.

संजय निरुपम व मिलिंद देवड़ा (फाइल फोटो )

मुंबई: कांग्रेस की मुंबई इकाई के नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान की पृष्ठभूमि में सोमवार को पार्टी ने संजय निरूपम (Sanjay Nirupam) को मुंबई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) को कमान सौंप दी. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देवड़ा को मुंबई कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी निरूपम के योगदान की सराहना करती है.

बता दें  कि मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में मतभेद की खबरें लंबे समय से आ रही थीं. कुछ नेताओं ने निरुपम के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की थी. हाल ही में देवड़ा और संजय निरुपम के बीच मतभेद की खबरें आई थीं. सूत्रों के मुताबिक मुंबई कांग्रेस के कई बड़े नेता संजय निरूपम के खिलाफ थे और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे थे. गत 9 फरवरी को मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह और नसीम खान ने पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे से नयी दिल्ली में मुलाकात कर पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख संजय निरूपम को पद से हटाने की मांग की थी. यह भी पढ़े: कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने मोदी को लेकर दिया विवादित बयान, बीजेपी ने किया पलटवार

मुंबई कांग्रेस की जिम्मेदारी से मुक्त करने की घोषणा करने वाले दिन ही पार्टी ने उन्हें मुंबई (उत्तर-पश्चिम) ने उन्हें टिकट दिया कभी शिवसेना के तेजतर्रार नेताओं में शुमार किए गए निरूपम कांग्रेस में शामिल होने के बाद कई अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों भी रहे हैं. वह मुंबई उत्तर से 2009 में लोकसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए थे, हालांकि पिछले चुनाव में वह भाजपा के गोपाल शेट्टी से हार गए थे. शिवसेना में रहते हुए वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. दूसरी तरफ, मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके देवड़ा इस बार भी दक्षिण मुंबई से उम्मीदवार हैं. वह इस सीट से पहले 2004 और 2009 में निर्वाचित हुए, हालांकि पिछले चुनाव में शिवसेना के अरविंद सावंत से हार गए थे.

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