महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: विदर्भ में बागियों ने बिगाड़ा पार्टियों का खेल, बीजेपी-शिवसेना की राह हुई मुश्किल

महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में बागियों के कारण सभी प्रमुख पार्टियां प्रभावित हुई हैं. विदर्भ क्षेत्र के 62 विधानसभा सीटों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है और इससे सबसे अधिक पीड़ित सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना गठबंधन है. बीजेपी के बागी नेता छह और शिवसेना के बागी पांच विधानसभा सीटों पर सेंध लगाएंगे.

उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फडणवीस और पीएम मोदी (Photo Credits- PTI)

Maharashtra Assembly Elections 2019:  महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में बागियों (Rebels) के कारण सभी प्रमुख पार्टियां प्रभावित हुई हैं. विदर्भ (Vidarbha) क्षेत्र के 62 विधानसभा सीटों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है और इससे सबसे अधिक पीड़ित सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना गठबंधन (BJP-Shiv Sena Alliance) है. बीजेपी के बागी नेता छह और शिवसेना के बागी पांच विधानसभा सीटों पर सेंध लगाएंगे. वहीं, कांग्रेस (Congress) को कम से कम तीन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को एक सीट पर इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के दो बागी नेताओं में चरण वाघमरे (तुमसर, भंडारा) और राजू तोडसम (अरनी, यवतमाल) हैं जो मौजूदा समय में विधायक हैं और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार प्रदीप पडोले और संदीप धुर्वे के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. वहीं, शिवसेना के चार पूर्व विधायक आशीष जायसवाल, अशोक शिंदे, विश्वास नांडेकर और नरेंद्र भोंडेकर- बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार मल्लिकार्जुन रेड्डी, समीर कुनवार, संजीव रेड्डी बोधकुर्वर और अरविंद भालदार (बीजेपी-शिवसेना-आरपीआई) के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे.

अमरावती में बीजेपी की सीमा सावले, यवतमाल में शिवसेना के संतोष धावले, दिग्रास में बीजेपी के संजय देशमुख और गोंडिया में बीजेपी के विनोद अग्रवाल बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के अन्य प्रमुख बागी है. कांग्रेस में बीजेपी के पूर्व सांसद और भंडारा जिले की सकोली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नाला पटोले के खिलाफ पूर्व पार्टी विधायक सेवक वाघमरे चुनावी मैदान में हैं, जो वंचित बहुजन आगाही पार्टी के टिकट पर चुनावी अखाड़े में उतरे हैं. यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: पीएम मोदी हरियाणा से ज्यादा महाराष्ट्र में करेंगे रैली, क्या शिवसेना से सतर्क रहने की है रणनीति?

वहीं, पूर्व कांग्रेसी सांसद अनंतराव देशमुख ने पार्टी उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अमित जनक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस के पूर्व विधायक रामरतनबापू रावत ने आमगांव में पार्टी उम्मीदवार सहसराम कोरेते के खिलाफ नामांकन भरा है. उधर, एनसीपी के बागी और पूर्व विधायक दिलीप बंसोड़ एनसीपी के ही रविकांत के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी. नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे.

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