मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा: कांग्रेस MLA जीतू पटवारी ने लगाया बीजेपी पर 16 विधायकों के अपहरण का आरोप तो पीसी शर्मा बोले -हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार 
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, सीएम कमलनाथ और जीतू MLA पटवारी (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पॉलिटिकल ड्रामा लगातार जारी है. सूबे में कमलनाथ (Kamal Nath) की सरकार गिरेगी या बचेगी? इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है. वैसे आज से राज्य में बजट सत्र शुरू हो रहा है. इसकी शुरुआत गवर्नर लालजी टंडन (Madhya Pradesh Governor Lalji Tandon) के अभिभाषण से होने वाली है. दूसरी तरफ फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.इसी बीच कांग्रेस (Congress) और बीजेपी के नेताओं की तरफ से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. दोनों ही पार्टियों अपने-अपने विधायकों को राज्य से बाहर लेकर गई थी ताकि एकजुटता बनी रहे. राज्य में चल रहे सियासी उठापटक पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (Congress MLA Jitu Patwari) ने बीजेपी पर 16 विधायकों के अपहरण का आरोप लगाया है.

पटवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे कुछ विधायकों का अपहरण कर लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र को मारने के लिए एक मॉडल की खोज की है- अपहरण, लालच, विधायकों का प्रबंधन और उन्हें पुलिस हिरासत में रखना और उनके वीडियो वायरल करना और फिर फ्लोर टेस्ट की मांग करना. यह भी पढ़े-मध्य प्रदेश का सियासी संघर्ष: आधी रात को राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार

ANI का ट्वीट-

इस पुरे मसले पर कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन असेंबली फ्लोर पूरा नहीं हुआ है. कांग्रेस के 16 विधायकों को गायब कर दिया गया है, जिसके बारे में सीएम कमलनाथ ने गृहमंत्री अमित शाह को जानकारी दी है.

ANI का ट्वीट-

वही विधायकों का राज्य के विधानसभा पहुंचना जारी है. कोरोना वायरस के मद्देनजर विधायकों को मास्क पहनाकर विधानसभा में एंट्री दी जा रही है. इससे पहले बीती रात सूबे के सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि फ्लोर टेस्ट पर स्पीकर फैसला करेंग और मैंने पहले ही राज्यपाल को लिखित में जानकारी दे दी है कि उनकी सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन बंधक बनाए गए कांग्रेस के विधायकों को पहले रिहा किया जाए.