
भोपाल: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी अब अक्षम (निकम्मे) कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने जा रही है. इसके लिए विभागीय स्तर पर समीक्षा के बाद अक्षम कर्मचारियों को आवश्यक सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकारी मशीनरी के कामकाज में बेहतरी लाने के प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में अक्षम कर्मचारियों को आवश्यक सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया गया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को जारी एक निर्देश में कहा है, "सरकारी कामकाज को बेहतर बनाने के लिए जो कर्मचारी-अधिकारी अक्षम और अक्षमता से कार्य कर रहे हैं, उन्हें सेवा से हटाया जाए."
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पिछली छह जुलाई को जारी निर्देश में कहा गया है, "जिन कर्मचारियों-अधिकारियों की आयु 50 वर्ष हो गई है और सेवा काल के 20 वर्ष हो गए हैं, उनके कार्यो की समीक्षा की जाए। समीक्षा के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को यदि कामकाज में अक्षम पाया जाता है तो उन्हें आवश्यक सेवानिवृत्ति दे दी जाए. आगामी 30 दिनों में सभी विभागों को अधीनस्थ कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करनी है और उसके बाद अक्षम कर्मचारियों को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा."सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने विभागों में कर्मचारियों की अक्षमता जांचने के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया की निगरानी करें और 30 दिनों के भीतर परिणामों से सामान्य प्रशासन विभाग को अवगत �oyees-258305.html&language=hi&handle=LatestLY&utm_source=Koo&utm_campaign=Social', 650, 420);" title="Share on Koo">