ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने से ढह जाएगी कमलनाथ सरकार? जानें क्या कहते है आंकड़े

विधायकों के इस्तीफे राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा स्वीकार किए जाते हैं तो कमलनाथ सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए एक फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ (Photo Credit-PTI)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति में मंगलवार को बड़ा सियासी भूचाल आया. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस को झटका दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 20 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं. इस्तीफे देने वाले 20 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से उन्होंने एक तस्वीर भी जारी की है. इन इस्तीफों के साथ ही कमलनाथ सरकार के गिरना लगभग तय माना जा रहा है. इन विधायकों के इस्तीफे राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा स्वीकार किए जाते हैं तो कमलनाथ सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए एक फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा.

मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं. विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 है. सिंधिया के इस्तीफे से पहले कांग्रेस के पास 114 विधायक थे. जिनमें से 20 अब इस्तीफा से चुके हैं. कांग्रेस को कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल था. इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन था. कांग्रेस के पास अब खुद के मात्र 94 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं.

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कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन की कुल संख्या 208 हो गई है. इसलिए बहुमत का आंकड़ा अब 105 है. जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में होगी. ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित 20 अन्य विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. बीजेपी अब सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है. पार्टी कभी भी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं,  ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी राज्यसभा भी भेज सकती है और इस तरह उन्हें संसद सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार कर मोदी सरकार में शामिल किया जा सकता है. सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी मजबूती से कमलनाथ सरकार को गिराने में जुटी है, अब देखना यह कि  सीएम कमलनाथ क्या कदम उठाते हैं.

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