Farmers Protest: मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसान कानूनों के समर्थन में शुरू किया अभियान
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन का दौर जारी है. वहीं दूसरी ओर, मध्यप्रदेश के कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने इन कानूनों पर किसानों का समर्थन जुटाने के लिए अभियान शुरु कर दिया है. कमल पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत तभी बनेगा जब किसान आत्मनिर्भर होगा.
भोपाल, 10 दिसंबर: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन का दौर जारी है. वहीं दूसरी ओर, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने इन कानूनों पर किसानों का समर्थन जुटाने के लिए अभियान शुरु कर दिया है. कृषि मंत्री पटेल ने बुधवार को हरदा जिले के ग्राम भैंसादेह में किसानों की चैपाल को संबोधित करते हुए कहा कि किसान जागरुक हों और इन कानूनों को अपना समर्थन देकर कृषि के विकास में अपनी सहभागिता दें.
मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) किसानों के कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं जिससे बिचौलियों में हड़कंप मच गया है. बिचौलिए किसानों को भ्रमित कर उन्हें आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं. कमल पटेल ने किसानों से आह्वान किया कि किसान स्वयं चौपाल लगाकर कानूनों पर चर्चा करें और दूसरे किसानों को भी समर्थन के लिए प्रेरित करें.
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उन्होंने किसानों को चेताते हुए कहा कि यदि अभी कानून वापस लेना पड़ा तो इसका नुकसान किसानों की भावी पीढियों को भी उठाना पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे किसानों को कृषि से जोड़े रखने के लिए किसान सम्मान निधि देना आरंभ किया है, इससे किसानों को आर्थिक मदद मिली है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सम्मान निधि में राज्य का अंश जोड़कर इसे बढ़ा दिया है.
कमल पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत तभी बनेगा जब किसान आत्मनिर्भर होगा, लेकिन बिचौलिए किसानों को मिलने वाले लाभांश में बाधा खड़ी कर रहे हैं, इसे किसानों को ही एकजुट होकर विफल करना होगा. कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से कृषि कानूनों के समर्थन में आगे आकर अपनी आवाज उठाने की अपील की है जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ²ढ़ता के साथ कृषि कानूनों को लागू कर सकें. चौपाल में मौजूद किसानों ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए हितकारी बताते हुए कहा कि वह पूरी तरह का समर्थन करते हैं और इन्हें लागू करने के लिए सरकार के साथ हैं.