कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने आज उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के घर सांत्वना देने जा रही थीं तो स्थानीय पुलिस ने उनके काफिले को रोका और जब वह कार से उतरकर पैदल जाने लगीं, तो उनका गला दबाकर गिरा दिया और उनके साथ धक्का-मुक्की भी की.
प्रियंका गांधी के इस बयान के बाद लखनऊ की एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आज सुबह एरिया की इंचार्ज डॉ अर्चना सिंह ने एएसपी को एक रिपोर्ट दी है, जिसमें प्रियंका गांधी की कार निर्धारित रूट के बजाय दूसरे रास्ते से जाने की बात कही है. इस बारे में फ्लीट प्रभारी को सूचना नहीं दी गई थी. डॉ अर्चना ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर जिस तरह पुलिस द्वारा प्रियंका गांधी से बदसलूकी और उनका गला दबाने की खबरें चल रही हैं, वो सब झूठ हैं.
प्रियंका गांधी दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंची हैं. वह गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी के परिजनों से मिलने इंदिरानगर स्थित उनके घर रवाना हुईं. उनके काफिले को पोलीटेक्निक चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस ने रोक लिया. वह गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ीं. उस दौरान भी उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तब वह एक कार्यकर्ता की स्कूटी पर सवार होकर दारापुरी के घर पहुंची.
Kalanidhi Naithini, Lucknow SSP: Singh has also written that whatever rumours are doing rounds on social media of heckling and strangulating Priyanka Gandhi Vadra are wrong. https://t.co/5IsyHvTWdJ
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ हिंसा मामले में पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और महिला एक्टिविस्ट सदफ जफर को गिरफ्तार किया है. फिलहाल अन्य प्रदर्शनकारियों की तरफ एसआर दारापुरी और सदफ जफर जेल में बंद हैं. उल्लेखनीय हो कि पूरे देश में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. इस कानून का विरोध कहीं सबसे ज्यादा देखा रहा रहा है तो वह उत्तर प्रदेश है. प्रदेश में अब तक इस विरोध प्रदर्शन में करीब 17 लोगों की जाने जा चुकी हैं.