लोकसभा अध्यक्ष की बेटी अंजलि बिरला ने मानहानि का मुकदमा दायर किया, सोशल मीडिया पोस्ट हटाने की मांग

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी, आईआरपीएस अधिकारी अंजलि बिरला ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ लगाए गए गलत आरोपों के ख़िलाफ़ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी, आईआरपीएस अधिकारी अंजलि बिरला ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ लगाए गए गलत आरोपों के ख़िलाफ़ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

अंजलि ने सोशल मीडिया पर छाए कुछ पोस्ट्स को हटाने की मांग की है जिनमें यह गलत आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी.

अंजलि बिरला ने इन आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए कहा है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स "एक पूर्व-नियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं" और उनका उद्देश्य उनकी और उनके पिता की मानहानि करना है.

दरअसल, ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने और नीट यूजी पेपर लीक विवाद के बाद सोशल मीडिया पर यह आरोप फैल गया था कि अंजलि बिरला अपने पिता के "शक्तिशाली पद" के कारण आईएएस अधिकारी बनी हैं. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि अंजलि बिरला पेशे से मॉडल हैं और अपने पिता के "शक्तिशाली पद" के कारण ही उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली.

लेकिन अंजलि बिरला ने इन दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स "एक पूर्व-नियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं" और उनका उद्देश्य उनकी और उनके पिता की मानहानि करना है.

अंजलि बिरला ने अपने मुकदमे में X (ट्विटर), गूगल और जॉन डो (अज्ञात लोगों) को पक्षकार बनाया है और इन पोस्ट्स को हटाने की मांग की है. उन्होंने 16 X अकाउंट्स का विवरण दिया है जिनके खिलाफ राहत मांगी गई है. इसमें यूट्यूबर ध्रुव राठौड़ का पैरोडी अकाउंट भी शामिल है.

सोशल मीडिया पोस्ट्स में किए गए दावों के विपरीत, अंजलि बिरला आईएएस नहीं बल्कि आईआरपीएस अधिकारी हैं. वह 2019 में यूपीएससी परीक्षा में बैठी थीं और अप्रैल 2021 में कमीशन में शामिल हुईं. पिछले साल उन्होंने अपना अनिवार्य प्रशिक्षण पूरा किया.

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