लोकसभा चुनाव 2019: देश में आचार संहिता हुई लागू, अब सरकार और नेता नहीं कर सकेंगे ये काम

चुनाव आयोग ने रविवार शाम को आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है.

चुनाव (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार शाम को आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 17वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव होंगे. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिये सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी. आचार संहिता लगने से केंद्र और राज्य सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकती है.

आदर्श आचार संहिता का मतलब क्या है ?

आदर्श आचार संहिता यानी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का मतलब है चुनाव आयोग के वो दिशा-निर्देश, जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक चुनाव लड़ने वाली हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना अनिवार्य होता है. अगर कोई उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टी चुनाव आयोग के इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. आयोग से उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और दोषी पाए जाने पर उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. चुनाव आयोग द्वारा दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है.

सरकार और नेताओं पर होती हैं ये पाबंदी-

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आचार संहिता क्यों हैं जरुरी ?

गौरतलब हो कि साल 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था. 17वीं लोकसभा में 543 सीटों में से बीजेपी की 269, कांग्रेस की 45, ऑल इंडिया अन्‍ना डी.एम.के की 37, तृणमूल कांग्रेस की 34 तथा बीजू जनता दल की 18 सीटें हैं.

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