Exit Polls 2019 का रियलिटी टेस्ट: जानें कितना सही होता है एग्जिट पोल, पढ़े क्या कहते हैं पिछले पांच लोकसभा चुनावों के आंकड़े
सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है. अब 542 संसदीय सीटों पर 8 हजार 49 उम्मीदवारों की तकदीर ईवीएम मशीन में कैद हो गई.
नई दिल्ली: सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है. अब 542 संसदीय सीटों पर 8 हजार 49 उम्मीदवारों की तकदीर ईवीएम मशीन में कैद हो गई. जिसका फैसला 23 मई को होगा. पूरा देश चुनाव के परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहा हैं. इस बीच कई मीडिया संस्थानों ने वोटरों का मूड बताने के लिए चुनाव बाद एक्जिट पोल जारी किए. लोकसभा चुनाव के लिए आए अधिकतर एक्जिट पोल में बीजेपी नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भारी जीत मिलने का अनुमान जताया है. जबकि कांग्रेस का फिर से साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव जैसा बुरा हाल होने का दावा किया गया है.
तमाम मीडिया संस्थानों ने जनता का मिजाज बताने के लिए रविवार शाम से एग्जिट पोल दिखाने शुरु किए. अधिकतर एग्जिट पोल में मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में लौटने के कयास लगाए गए है. जबकि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का साल 2014 जैसा हाल होने का अनुमान जताया गया है. लगभग सभी चुनाव परिणाम पूर्व सर्वेक्षणों में बताया गया है कि कांग्रेस अबकी बार ज्यादा सीटें जीत सकती है लेकिन सौ का आंकड़ा नहीं पार कर सकेगी. हालांकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के परिणामों को लेकर एग्जिट पोल में अलग-अलग मत दिख रहे हैं.
आपको बता दें कि मीडिया संस्थानों और विभिन्न एंजेसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल का अनुमान पिछले कई लोकसभा चुनावों से गलत साबित होता आ रहा है. देखें कितना सही होता है एक्जिट पोल ?
साल | बीजेपी गठबंधन | कांग्रेस गठबंधन | अन्य |
1998 | |||
आउटलुक/एसी नीलसन | 238 | 149 | 156 |
डीआरएस | 249 | 155 | 139 |
फ्रंटलाइन/सीएमएस | 235 | 155 | 182 |
इंडिया टुडे/सीएसडीएस | 214 | 164 | 165 |
चुनाव आयोग के परिणाम | 252 | 166 | 119 |
1998 | |||
इंडिया टुडे/इनसाइट | 336 | 146 | 80 |
एचटी-एसी नीलसन | 300 | 146 | 95 |
आउटलुक/सीएमएस | 329 | 145 | 39 |
टाइम्सपोल/ डीआरएस | 332 | 138 | - |
चुनाव आयोग के परिणाम | 296 | 134 | 113 |
2004 | |||
आउटलुक-एमडीआरए | 290 | 169 | 99 |
आज तक-ओआरजी | 248 | 190 | 105 |
एनडीटीवी/इंडियन एक्सप्रेस | 250 | 205 | 120 |
स्टार-सी-वोटर | 275 | 186 | 98 |
चुनाव आयोग के परिणाम | 189 | 222 | 132 |
2009 | |||
स्टार न्यूज़-एसी नीलसन | 197 | 199 | 136 |
टाइम्स नाउ | 183 | 198 | 162 |
एनडीटीवी | 177 | 216 | 150 |
हेडलाइंस टुडे | 180 | 191 | 172 |
चुनाव आयोग के परिणाम | 159 | 262 | 79 |
2014 | |||
एबीपी नीलसन | 281 | 97 | 165 |
टाइम्स नाउ-ओआरजी | 249 | 148 | 146 |
सीएनएन-आईबीएन सीएसडीएस लोकनीति | 280 | 97 | 166 |
हेडलाइंस टुडे सिसरो | 272 | 115 | 156 |
चाणक्य | 340 | 70 | 133 |
इंडिया टीवी-सी-वोटर | 289 | 101 | 153 |
एनडीटीवी | 279 | 103 | 161 |
चुनाव आयोग के परिणाम | 336 | 59 | 148 |
साल 2014 में एनडीए 'मोदी लहर' के बलबूते 336 सीटों के साथ केंद्र की सत्ता में आई थी. हकीकत में अधिकांश एग्जिट पोल ने मोदी सरकार के इतने बड़े जीत की उम्मीद नहीं की थी. सिर्फ टुडेज चाणक्य ने एनडीए के सीटों का आकड़ा 300 के पार जाने का अनुमान लगाया था. चाणक्य ने एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और बीजेपी को 291, जबकि आखिरी परिणाम में बीजेपी ने 282 सीटें जीती. इसके अलावा सभी अनुमान गलत साबित हो गए थे.
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इसी तरह, साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी सबका अनुमान गलत साबित हुआ था. लगभग सभी एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की सत्ता में वापसी के कयास लगाए गए थे लेकिन चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया परिणाम कुछ अलग ही आया. कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) दोबारा सत्ता में आई थी. यहां तक की कांग्रेस की 2004 की तुलना में सीटें 145 से बढ़कर 206 हो गई.
एग्जिट पोल का कुछ ऐसा ही हाल साल 2004 के लोकसभा चुनावों में भी था. तब भी तमाम मीडिया संस्थानों द्वारा एग्जिट पोल के अनुसार किए गए दावें हकीकत से काफी दूर नजर आए. 2004 में आउटलुक-एमडीआरए और स्टार-सी वोटर ने अनुमान लगाया था कि अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में बीजेपी और एनडीए की सत्ता में वापसी होगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. इसके उलट यूपीए गठबंधन ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए केंद्र की सत्ता की कमान ले ली.