मोदी लहर में फिर पस्त हुआ विपक्ष, इस बार भी संसद को नहीं मिल पाया विपक्ष का नेता

लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को ऐतिहासित जीत मिली है तो वहीं दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का बुरा हाल हुआ है. चुनाव आयोग ने 542 लोकसभा सीटों में से 538 सीटों पर नतीजे जारी कर दिए है.

पीएम मोदी (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को ऐतिहासित जीत मिली है तो वहीं दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का बुरा हाल हुआ है. चुनाव आयोग ने 542 लोकसभा सीटों में से 538 सीटों पर नतीजे जारी कर दिए है. चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंकड़ों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खाते में 350 से अधिक सीटें आती दिख रही है जबकि अकेली बीजेपी 302 सीटों पर जीत चुकी है और एक पर बढ़त बनाए हुए है. उधर, कांग्रेस नीत वाली यूपीए की बात करें तो यह 85 सीटों के करीब है. ताजा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस देशभर में केवल 52 सीटों पर सिमट गई.

लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक बात तो साफ हो गई है कि संसद में इस बार भी नेता विपक्ष कोई नहीं होगा. आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता की कुर्सी हासिल करने के लिए कम से कम 10 फीसदी सीटों को जितना जरूरी होता है. अगर आंकड़ों में समझाए तो 543 लोकसभा सीटों में से विपक्ष का नेता बनने के लिए पार्टी के पास 55 सीटें होना आवश्यक है. हालांकि इतनी संख्या में सीटें किसी भी दल के पास नहीं है. बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती है लेकिन फिर भी वह इस आंकड़े से तीन सीटें दूर है.

जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री है जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे. आपको बता दें केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सीटें जितना आवश्यक है. ताजा आंकड़ों के लिए यहां क्लिक करें.

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वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तब भी कांग्रेस को देशभर में 44 सीटे मिली थी.

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