लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर तंज, कहा-दुनिया के नेताओं को गले लगाने वाले अपने ही लोगों से नहीं मिले
प्रियंका गांधी और पीएम मोदी (Photo Credit-PTI)

नई दिल्ली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के तहत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जगह-जगह जाकर रोड शो कर कांग्रेस (Congress) की नींव मजबूत कर रही हैं. इसी कड़ी में प्रियंका गांधी अपनी मां और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली और भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के संसदीय क्षेत्र में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के बाद आज (शुक्रवार को) अयोध्या पहुंची. यहां प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र को नष्ट करने का काम किया है. बड़ी-बड़ी ही बाते की हैं बस, काम एक भी नहीं किया. इससे दुर्बल सरकार मैंने आज तक नहीं देखी.

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि मैंने लोगों से पूछा कि क्या पीएम (Prime Minister) वाराणसी (Varanasi) के गांवों का दौरा करते हैं, तो मुझे जवाब मिला कि वह नहीं जाते हैं. मैं आश्चर्यचकित थी क्योंकि उनका प्रचार ऐसा है कि मुझे लगा कि वह कुछ कर रहे होंगे. उन्होंने पूरी दुनिया का दौरा किया और सभी को गले लगाया, लेकिन अपने स्वयं के लोगों को गले नहीं लगाया. प्रियंका ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Govt) ने 5 साल केवल झूठ बोला. यह भी पढ़े-लोकसभा चुनाव 2019: प्रियंका गांधी के आक्रामक तेवर हुए और भी तेज, वाराणसी के अलावा इन सीटों पर दे सकती हैं बीजेपी को कड़ी टक्कर

वहीं, किसानों का मुदा उठाते हुए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि इस सरकार में हिम्मत नहीं है कि आपकी आवाज सुने. उन्होंने आगे कहा कि सत्य को कोई दबा नहीं सकता न कोई खत्म कर सकता है और न ही इसे छिपा सकता है. मैंने सत्य किसानों की आंखो में देखा है.

प्रियंका (Priyanka Gandhi) ने कहा कि बीजेपी सरकार (BJP Govt) जनता विरोधी, किसान विरोधी और नौजवान विरोधी सरकार है. ये काम नहीं करना चाहती है और आपकी आवाज भी नहीं सुनना चाहती है. इस सरकार का दिल केवल उद्योगपतियों के लिए है और नौजवान अगर आवाज उठाते हैं तो उनको लाठियां खाने को मिलती हैं. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी (Bhartiya Janta Party) के शासन में बेरोजगारों पर लाठियां बरसाई गईं. किसान कर्ज में डूबे हुए हैं और उनकी कोई मदद नहीं करता है.