लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में अब महज चंद दिन बचे है. इससे पहले सभी दल और नेता जीत की तैयारियों में दमखम के साथ जुटे हुए है. लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होगा और यह 19 मई तक चलेगा. इसकी मतगणना 23 मई को होगी. इससे पहले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जनता का मूड भांपने के लिए एबीपी न्यूज और नीलसन ने साथ मिलकर एक चुनावी सर्वे किया है. इस सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अबकी बार बीजेपी की राह आसान नहीं होगी. लोकसभा चुनावों में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए (NDA) को उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी. जिसके बलबूते मोदी सरकार को आसानी से केंद्र की सत्ता मिल गई थी. लेकिन सर्वे की मानें तो आगामी लोकसभा चुनाव में इस बार आंकड़ा कुछ और ही रहने वाला है.
सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में एनडीए को इस बार 37 सीटों का नुकसान हो सकता है. एबीपी न्यूज़ और नीलसन सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदश में महागठबंधन (सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन) को 42 सीटों पर जीत मिल सकती है. जबकि एनडीए को केवल 36 सीटों पर सफलता मिल सकती है. वहीं कांग्रेस की हालत इस बार भी खस्ताहाल रहने वाली है. कांग्रेस को केवल 2 सीटों पर जीत मिलेगी.
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सर्वे में दावा किया गया है की यूपी में मायावती-अखिलेश यादव-अजित सिंह की तिकड़ी बीजेपी पर भारी पड़ने वाली है. यहीं वजह है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कई दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री हार सकते है. आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार के चार मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. इसमें महेश शर्मा (गौतमबुद्ध नगर से), मनोज सिन्हा (गाजीपुर से), सत्यपाल सिंह (बागपत से) और निरंजन ज्योति (फतेहपुर) का नाम शामिल है.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होंगे. 2014 आम चुनाव के दौरान बीजेपी और अपना दल के बीच सूबे में गठबंधन हुआ था. जिसमें अपना दल ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा था और दोनों में जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी ने अकेले 71 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था. वहीं कांग्रेस 2, सपा 5, अपना दल 2 और बीएसपी को एक भी सीट नहीं मिली थी.आपको बता दें कि किसी भी पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत हेतु कम से कम 272 सीटें चाहिए होगी.