जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म, गौतम गंभीर बोले-'जो कोई ना कर सका, वो हमने कर दिखाया',घाटी में भी लहराया अपना तिरंगा

मोदी सरकार और बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के सबसे अहम वादे को पूरा करते हुए जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला कर लिया. जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांट दिया गया है. गौतम गंभीर ने इस बड़े फैसले के बाद अपनी खुशी ट्विटर पर जाहिर की है. गंभीर ने ट्विटर पर लिखा, 'जो कोई ना कर सका वो हमने कर दिखाया है. कश्मीर में भी अपना तिरंगा लहराया है.

गौतम गंभीर (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. मोदी सरकार और बीजेपी (BJP) ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के सबसे अहम वादे को पूरा करते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला कर लिया. जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांट दिया गया है. जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा. इस प्रदेश की अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर से अलग एक केंद्र शासित प्रदेश होगा. लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर (Delhi BJP MP Gautam Gambhir) ने इस बड़े फैसले के बाद अपनी खुशी ट्विटर पर जाहिर की है. गंभीर ने ट्विटर पर लिखा, 'जो कोई ना कर सका वो हमने कर दिखाया है. कश्मीर (Kashmir) में भी अपना तिरंगा लहराया है.' यह भी पढ़े-जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने पर अखिलेश यादव का मोदी सरकार से सवाल, कहा- पाक अधिकृत कश्मीर का क्या होगा

कश्मीर से घारा 370 (Article 370) को हटाने के लिए सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया. इस संकल्प में उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में नहीं लागू होंगे. यह भी पढ़े-जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने के बाद पाकिस्तान का पहला रिएक्शन, कहा 'जारी रखेंगे लड़ाई'

आर्टिकल 370 (Article 370) हटाने के बाद होंगे ये बदलाव.

- पहले जम्मू-कश्मीर में दोहरी नागरिकता होती थी, अब सारे भारत के नागरिक होंगे.

- जम्मू-कश्मीर में धारा 356 लागू नहीं होती थी, अब धारा 356 लागू (सरकार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार) होगी.

- पहले राज्यपाल शासन का अधिकार होता था, अब राष्ट्रपति शासन का अधिकार होगा.

- राज्य में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलता था, अब अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलेगा.

- पहले राज्य की पुलिस सीएम को रिपोर्ट करती थी, अब राज्यपाल के अधीन होगी.

- पहले छह साल की विधानसभा, अब पांच साल की विधानसभा होगी.

- पहले राज्य का राज्यपाल था, अब जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल और लद्दाख का उप-राज्यपाल होगा.

Share Now

\