कर्नाटक के सियासी नाटक का होगा 'द एंड' ? कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट आज, 15 बागी विधायकों के शामिल होने पर सस्पेंस

कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक संकट गुरुवार को सुलझ सकता है. सूबे की कांग्रेस और जनता दल एस (जेडीएस) की गठबंधन वाली सरकार का विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट होने वाला है. हालांकि अब तक बागी विधायकों के इसमें शामिल होने को लेकर असमंजस बरकरार है.

सीएम कुमारस्वामी और बीएस येदियुरप्पा (Photo Credits-PTI/Facebook)

बेंगलुरू: कर्नाटक (Karnataka) में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक संकट (Political Crisis) गुरुवार को सुलझ सकता है. सूबे की कांग्रेस और जनता दल एस (जेडीएस) की गठबंधन वाली सरकार का विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट होने वाला है. हालांकि अब तक बागी विधायकों के इसमें शामिल होने को लेकर असमंजस बरकरार है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सभी बागी विधायक विश्वासमत में नहीं सामिल होंगे. हालांकि संकट से घिरी गठबंधन सरकार को थोड़ी राहत देते हुए कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि उन्होंने विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है और वह मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा रखे जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर खुद फैसला ले. देश की सर्वोच्च कोर्ट ने कहा था कि दोनों दलों के 15 असंतुष्ट विधायकों को राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य ना किया जाए और उन्हें इसमें भाग लेने या ना लेने का विकल्प दिया जाए. दरअसल याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश दें.

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इस्तीफा देने वाले 16 बागी विधायकों में 13 कांग्रेस के और तीन जेडीएस के हैं. इनमें से 15 विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने का आग्रह किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर. रामलिंगा रेड्डी अपने इस्तीफे पर शीर्ष अदालत नहीं गए. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में छह जुलाई को इस्तीफा पेश किया था.

आपको बता दें कि सत्तारूढ़ गठबंधन को विधानसभा में 117 विधायकों का समर्थन है. इसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37, बीएसपी का एक और एक मनोनीत विधायक शामिल हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष का भी एक मत है. दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से 225 सदस्यीय विधानसभा में विपक्षी बीजेपी  को 107 विधायकों का समर्थन हासिल है. इन 225 सदस्यों में एक मनोनीत सदस्य और विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं. अगर 15 बागी विधायक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 101 हो जाएगी. इससे कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ सकती है.

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