Karnataka: बीएस येदियुरप्पा ने दिया सीएम पद से इस्तीफा, काफी दिलचस्प है सियासी सफर
कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है. सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ये इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है, जब आज ही कर्नाटक की बीजेपी सरकार को दो साल पूरे हुए हैं.
बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है. सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ये इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है, जब आज ही कर्नाटक की बीजेपी (BJP) सरकार को दो साल पूरे हुए हैं. बीएस येदियुरप्पा अपनी सरकार के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में कहा, 'मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैं दोपहर के भोजन के बाद राज्यपाल से मिलूंगा.' इस ऐलान के बाद अब हर किसी की नजर इस बात पर है कि अब बीजेपी राज्य की कमान किसे सौंपती है.
बता दें कि लंबे समय से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे की चर्चा तेज थी. इस्तीफे की खबरों पर उन्होंने पहले कहा था कि, वे हर हाल में पार्टी के काम करना जरी रखेंगे. उन्होंने के बयान में कहा था, "मैं अगले 10 से 15 साल तक दिन-रात पार्टी के लिए काम करूंगा." येदियुरप्पा ने कहा था उनका एकमात्र लक्ष्य अगले दो वर्षों तक कड़ी मेहनत करना और कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता में वापस लाना है."
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनी थी, लेकिन यह सरकार एक साल ही चल पाई थी. इसके बाद राज्य में बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में सरकार बनाई थी.
बीएस येदियुरप्पा का सियासी सफर
12 नवंबर 2007 को पहली बार बने थे मुख्यमंत्री:
येदियुरप्पा ने 12 नवंबर 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उस समय जेडी (एस) ने मंत्रालयों पर असहमति जताते हुए सरकार को समर्थन करने से इंकार कर दिया जिसके परिणामस्वरूप 19 नवंबर 2007 को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देना पड़ा. मगर साल 2008 में हुए चुनावों में बीजेपी ने उनके नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की और उन्होंने 30 मई 2008 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.
2011 में छोडना पड़ा था पद:
येदियुरप्पा को 2011 में उस वक्त तब तगड़ा झटका लगा जब उनके खिलाफ पांच मामले दर्ज किए गए, येदियुरप्पा पर जमीन के अवैध अधिसूचना और भ्रष्टाचार के आरोप लगे. आरोपों के बाद उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस घटनाक्रम के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन किया और 2013 का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी को येदियुरप्पा की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा और कांग्रेस ने सरकार बनाई.
2014 में फिर हुए बीजेपी में शामिल:
येदियुरप्पा 2014 आम चुनावों से पहले एक बार फिर बीजेपी में शामिल हुए. उन्होंने शिमोगा से लोकसभा चुनाव जीता. 2016 में उन्हें फिर से प्रदेशाध्यक्ष चुना गया.
फिर बने सीएम
2018 में भी बीजेपी ने उन्हें अपना सीएम पद का उम्मीदवार बनाया, और बीजेपी का ये दांव काम कर गया. हालांकि इस समय येदियुरप्पा मात्र 6 दिन तक सीएम की कुर्सी पर रहे. इसके बाद 26 जुलाई 2019 को बीएस येदियुरप्पा ने एक बार सीएम पद के शपथ ली. अपने दो साल के कार्यकाल के बाद वे आज सीएम पद से अपना इस्तीफा दे रहे हैं.