क्या झारखंड में बीजेपी विधायक दल के नेता चुने जाएंगे बाबूलाल मरांडी?

झारखंड में हुई विशाल रैली में बाबूलाल मरांडी के भाजपा में लौटने के एक दिन बाद पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने भाजपा महासचिव मुरलीधर राव को राज्य विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. यह जानकारी भाजपा नेता अरुण सिंह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में दी गई है. व्यापक रूप से संकेत मिल रहा है कि झारखंड में भाजपा विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी मरांडी को मिल सकती है.

बाबूलाल मरांडी ( फोटो क्रेडिट- IANS )

नई दिल्ली. झारखंड में हुई विशाल रैली में बाबूलाल मरांडी के भाजपा में लौटने के एक दिन बाद पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने भाजपा महासचिव मुरलीधर राव को राज्य विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. यह जानकारी भाजपा नेता अरुण सिंह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में दी गई है. व्यापक रूप से संकेत मिल रहा है कि झारखंड में भाजपा विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी मरांडी को मिल सकती है. एक अलोकप्रिय गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुबर दास के चेहरे के साथ मैदान में उतरी भाजपा को हाल ही में झारखंड विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसलिए अब इस नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा आदिवासी नेता मरांडी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है.

अगर ऐसा होता है तो इसे मरांडी द्वारा अपनी राजनीतिक पार्टी झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक का भाजपा में विलय करने पर उन्हें भगवा पार्टी की ओर से दिया गया बड़ा तोहफा माना जाएगा. मरांडी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष भाजपा नेतृत्व की मौजूदगी में रांची के जगन्नाथ मैदान में आयोजित एक समारोह में दोबारा से भाजपा का दामन थाम लिया. मरांडी की 'घर वापसी' के गवाह बनने के लिए भाजपा और झाविमो कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा हुई थी। आयोजन में मरांडी ने अपनी पार्टी के भाजपा में विलय की घोषणा की. यह भी पढ़े-झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की 14 साल बाद BJP में वापसी, अमित शाह ने किया स्‍वागत

2000 में झारखंड के गठन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री बने मरांडी को भाजपा में आंतरिक कलह के कारण 2003 में पद छोड़ना पड़ा. असंतोष के बाद उन्होंने 2006 में भाजपा से अलग होकर एक नया राजनीतिक दल बनाया.

इस बार भाजपा राज्य में विधानसभा चुनाव हार गई। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में इसे 25 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस और राजद के साथ चुनाव लड़ने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सहज बहुमत हासिल करते हुए सरकार बनाई.

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