बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने चीन में उइगर मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार की कड़ी निंदा की

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि कुछ स्वतंत्र समाचार एजेंसियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तथ्य रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि चीन की दमनकारी कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करें.

शाहनवाज हुसैन (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 11 जुलाई : बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ  कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि कुछ स्वतंत्र समाचार एजेंसियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तथ्य रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है. उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने 30 लाख मुसलमानों को बंधक बनाकर शिविर में रखा है. शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों का नरसंहार 21वीं सदी का सबसे बड़ा अत्याचार है, जिसने हिटलर और स्टालिन को मात दे दी है, इसलिए भारत समेत पूरी दुनिया को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.

उन्होंने बताया कि "कुछ रिपोटरें के अनुसार, चीन सरकार डी रेडिकलाइजेशन कैंपों को शिक्षा शिविर बता कर दुनिया को गुमराह कर रही है, जहां 3 मिलियन उइगर मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है और प्रताड़ित किया जा रहा है. यह भ्रामक है कि चीन शैक्षिक उद्देश्यों के लिए इन शिविरों का उपयोग कर रहा है."

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भाजपा के वरिष्ठ नेता ने चीन के अत्याचारों पर गुस्सा व्यक्त करते हुए यह भी खुलासा किया कि "शिनजियांग में मुस्लिम आबादी को कम करने के लिए, चीनी कम्युनिस्ट सरकार मुस्लिम महिलाओं को चीनी पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने वहां एक अभियान चलाया है जिसके कारण हजारों मुस्लिम महिलाएं अपनी इज्जत बचाने में विफल रही हैं. साथ साथ इन शिविरों में मुस्लिमों को खाने-पीने और साथ ही नमाज में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है."

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि "चीन में मुसलमानों पर अत्याचार के बावजूद पाकिस्तान चीन के तलवे चाट रहा है. दुर्भाग्य से ओआईसी भी चुप है और भारत में मुस्लिम संगठन और विद्वान भी प्रतिक्रिया कम दे रहे हैं." उन्होंने लोगों से अपील की है कि चीन की दमनकारी कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करें.

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