Haryana Floor Test: हरियाणा में बनी रहेगी खट्टर सरकार, अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हासिल की जोरदार जीत

खट्टर ने कहा कि आज विपक्ष (कांग्रेस) विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उन्होंने पहले ही ये बात मान ली थी कि हम सिर्फ चर्चा के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, ये सरकार को गिराने के लिए नहीं है. हमने उनकी आपत्तियों पर एक-एक करके बात कहीं. उनका अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा.

(Photo Credits-ANI)

हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार (BJP-JJP Government) ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. दरअसल, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) की ओर से बुधवार को बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया गया था. बाद में हुई वोटिंग में कांग्रेस का यह प्रस्ताव परास्त हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पर कराई गई वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 32 वोट पड़े जबकि खट्टर सरकार के पक्ष में 55 वोट पड़े. इसके बाद हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

बाद में मीडिया से बात करते हुए खट्टर ने कहा कि आज विपक्ष (कांग्रेस) विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उन्होंने पहले ही ये बात मान ली थी कि हम सिर्फ चर्चा के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, ये सरकार को गिराने के लिए नहीं है. हमने उनकी आपत्तियों पर एक-एक करके बात कहीं. उनका अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा. यह भी पढ़ें- हरियाणा में सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप.

ANI का ट्वीट-

उन्होंने कहा कि कल संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत करने के लिए 9 सदस्यीय कमेटी बनाई है. बातचीत फिर होकर कोई हल निकाला जाए. ये किसान आंदोलन किसी के हित में नहीं है, इससे नुकसान बहुत हो रहा है.

उधर, अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सरकार बेनकाब हुई है. मैंने कहा था कि वे व्हिप जारी करते ही बहुमत हासिल कर लेंगे. मैंने स्पीकर से गुप्त मतदान का आग्रह किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर गुप्त मतदान होता तो परिणाम कुछ और होते. हालांकि, फिर भी हमारी संख्या 30 से 32 हो गई.

हुड्डा का बयान-

हुड्डा ने कहा कि वे हमें संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके. लोकतंत्र में सरकार पहले ही हार चुकी है. हम लोगों की आवाज़ उठाते रहेंगे और उनके लिए लड़ेंगे. हम किसी का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार जल्द ही किसानों से बात करे और समाधान निकाले क्योंकि आंदोलन लंबे समय से जारी है.

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