भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का ग्वालियर (Gwalior) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारतीय राजनीति में बहुत अहम माना जाता है. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सिंधिया परिवार के नाते अहम माना जाता है. यह संसदीय क्षेत्र पूरे ग्वालियर जिले और शिवपुरी जिले के कुछ हिस्सों को कवर करता है. मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट बीजेपी के मजबूत किले में से एक है.
भारतरत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी ने 1971 में अपने जन्म स्थान ग्वालियर से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके अलावा यहां से ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया, यशोदाराजे सिंधिया जैसे कई VVIP जीतकर संसद पहुंचे चुके हैं.
ग्वालियर का 2014 में हाल-
नरेंद्र सिंह तोमर (बीजेपी)- 4 लाख 42 हजार 796 वोट
अशोक सिंह (कांग्रेस)- 4 लाख 13 हजार 97 वोट
पुराने समय की यादों को संजोकर रखने वाले ग्वालियर में पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था. तब से लेकर अब तक चार बार बीजेपी और सात बार कांग्रेस को ग्वालियर में जीत मिली है. हालांकि कांग्रेस पिछले 12 साल से जीत के लिए तरस रही है. इस बार यहां से मोदी सरकार के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव नहीं लड़ रहे है. ग्वालियर सीट छोडकऱ वह मुरैना से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके जगह पर बीजेपी ने महापौर विवेक शेजवलकर को रण में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने लगातार चौथी बार अशोक सिंह को टिकट दिया है.