Bihar Assembly Elections 2020: बिहार चुनाव के लिए एक्शन में महागठबंधन, सीटों का 'फार्मूला' तय
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल नेतृत्व वाले महागठबंधन के कई नेता रांची जाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलकर रणनीति बना रहे हैं या टिकट की माांग कर रहे हैं. इस बीच, सूत्रों का दावा है कि महागठबंधन में सीटों का फोर्मूला तय कर लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि समय आने पर मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी.
पटना, 3 सितंबर: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) नेतृत्व वाले महागठबंधन के कई नेता रांची जाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) से मिलकर रणनीति बना रहे हैं या टिकट की माांग कर रहे हैं. इस बीच, सूत्रों का दावा है कि महागठबंधन में सीटों का फोर्मूला तय कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, तय है कि गठबंधन की अगुवाई करने वाला राजद जहां 'बड़े भाई' की भूमिका में अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस रहेगी.
महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि शामिल घटक दलों के बीच सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है. वामदलों के बाद बुधवार को राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (Rashtriya Lok Samta Party) की ओर से सीटों पर बातचीत करने के लिए अधिकृत उपाध्यक्ष राजेश यादव और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बात की. इससे पहले वामदल के नेता भी जगदानंद सिंह से मिलकर बात कर चुके हैं.
सूत्रों का कहना है कि राजद 135-140 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है, वहीं कांग्रेस के हिस्से 50 से 55 सीटें आ सकती हैं. इसके अलावे रालोसपा को 15 से 20 और विकासशील इंसान पार्टी को 10 से कम सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मौका मिल सकता है. इसके अलावे वामदलों की पार्टियों के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई है. हालांकि सूत्र यह भी कहते हैं कि इसमें नाराजगी उभरने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पहले ही 70 से 80 सीटों की मांग की थी.
सूत्रों का दावा है कि राज्यसभा सांसद और कांग्रेस चुनाव समिति के प्रमुख अखिलेश सिंह भी बुधवार को रांची पहुंचकर लालू प्रसाद से मुलाकात कर चुके हैं. दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है. वैसे, कांग्रेस की नजर इस बार ऐसी सीटों पर भी टिकी हुई है जहां पिछले चुनाव में जदयू विजयी हुई थी या जहां से जदयू दूसरे नंबर पर रही थी.
सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन बहुजन समाज पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी अन्य पार्टियों के लिए भी सीट छोड़ सकती है. उल्लेखनीय है पिछले विधानसभा चुनाव से इस विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां बदली हैं. पिछले चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरी थी लेकिन इस चुनाव में जदयू राजग के साथ है.
इधर, रालोसपा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, कि इस चुनाव में वह राजग को हराने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. इस बयान का अर्थ सियासी क्षेत्र में उनकी नाराजगी से भी लगाया जा रहा है. इस बीच, हालांकि राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी सीट बंटवारे को लेकर किसी भी प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि महागठबंधन में सभी दल चुनावी मैदान में उतरने को लेकर तैयार है और खुश है. महागठबंधन में किसी तरह की नाराजगी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि समय आने पर मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी.