कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला, गुलाम नबी आजाद बोले- लोग सड़कों पर विरोध कर रहे लेकिन सरकार को फर्क नही पड़ता
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में लोग सड़कों पर विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा है. यह सरकार की अकड़ को दर्शाता है.
नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून पर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेसी वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में लोग सड़कों पर विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा है. यह सरकार की अकड़ को दर्शाता है. कांग्रेसी नेता ने कहा कि सरकार का ध्यान केवल विधेयकों और बिल को पारित करने पर केंद्रित है, लेकिन हमने डूबती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी और कश्मीर की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया. हमने उनसे कहा कि फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया जाए ताकि वह संसद में उपस्थित हो सकें, अन्य को भी रिहा किया जा सके.
किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, कांग्रेसी नेता ने सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा. उन्होने कहा कि किसानों को लेकर सरकार गंभीर नहीं हैं. विपक्ष चाहता है कि इन मुद्दों पर भी चर्चा हो और सरकार इस बारे में संवेदनशील हो.
सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा-
बता दें कि बजट सत्र 2020 से पहले संसद भवन के लाइब्रेरी में केंद्र सरकार की तरफ से एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने बजट सत्र का समय बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा, शुरुआत में यह सत्र तीन महीने का होता था लेकिन बाद में इसे कम कर दिया गया. हमने इसे एक महीना बढ़ाने की मांग की है. पिछले कुछ समय से इसकी समय सीमा कम होती जा रही है. 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है, जो 3 अप्रैल को संपन्न होगा.