गुलाम नबी आजाद का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- अगर कांग्रेस हिंसा भड़काने में सक्षम होती, तो आप सत्ता में नहीं होते

नागरिकता कानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा को विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पुलिस कुलपति की अनुमति के बिना यूनिवर्सिटी परिसर में नहीं जा सकती.

गुलाम नबी आजाद (Photo Credits: PTI)

नागरिकता संशोधन कानून (CitizenshipAmendmentAct) पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) में हिंसा को विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दिल्ली (Delhi) के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि पुलिस कुलपति (Vice Chancellor) की अनुमति के बिना यूनिवर्सिटी परिसर में नहीं जा सकती. अगर उन्हें अनुमति नहीं थी तो पुलिस जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है, कैसे कैंपस के अंदर गई? हम इसकी निंदा करते हैं. इसकी न्यायिक जांच (Judicial Inquiry) होनी चाहिए.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस है.  अगर कांग्रेस ऐसी हिंसा भड़काने में सक्षम होती, तो आप सत्ता में नहीं होते. यह बेबुनियाद आरोप है. मैं इसकी निंदा करता हूं. इस सब के लिए केवल सत्तारूढ़ पार्टी, पीएम, गृह मंत्री और उनकी कैबिनेट जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि पूरे देश ने इस असंवैधानिक कानून का विरोध किया है. यह भी पढ़ें- जामिया हिंसा: राहुल गांधी ने पीएम मोदी-अमित शाह पर साधा निशाना, कहा- ध्रुवीकरण के हथियार हैं CAB और NRC.

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता डी. राजा ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है, जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग पर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है? उन्होंने कहा कि जहां तक वामपंथी दलों का सवाल है, हमने 19 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. हमें उम्मीद है कि यह विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर होगा. हम सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करते हैं.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि नागरिकता बिल को धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है, यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि जामिया में छात्रों के साथ जो हुआ वह लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

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