Ghosi Bypoll Results: अखिलेश के दांव में कैसे फंसी बीजेपी? घोसी में सपा के सुधाकर ने भाजपा के दारा सिंह को दी मात

समाजवादी पार्टी के प्रत्य़ाशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारासिंह चौहान को चित्त कर दिया है. वहीं निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहें हैं. अपनी ही जीती हुई सीट पर अब दारा सिंह हार रहे हैं. उनके हार की क्या वजह हो सकती है? आइए जानते हैं...

Ghosi Bypoll Result 2023: छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे शुक्रवार को घोषित हो गए. हालांकि सबकी दिलचस्पी घोसी विधानसभा के उपचुनाव को लेकर रही. जहां समाजवादी पार्टी के प्रत्य़ाशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारासिंह चौहान को चित्त कर दिया है. वही निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहें हैं.

2022 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर घोसी से विधायक बने दारासिंह चौहान ने कुछ दिन पहले दल बदलकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. अपनी ही जीती हुई सीट पर अब दारा सिंह हार रहे हैं. उनके हार की क्या वजह हो सकती है? आइए जानते हैं...

दारा सिंह ने कई बार बदली पार्टी

2009 में दारा सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे. पर 2014 में बसपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचने से वंचित रह गए. इसके बाग दारा ने 2015 में भाजपा ज्वाइन कर लिया. दारा सिंह पहली योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दारा सिंह चौहान पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए. सपा सरकार न बनने से निराश दारासिंह एक बार फिर बीजेपी में आ गए. भाजपा में शामिल होने के बाद बीजेपी ने उन्हें घोसी से टिकट दे दिया. ये भी पढ़ें- Bypoll Results 2023: घोसी में सपा के सुधाकर सिंह आगे, 7 में से 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को बढ़त

मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण

मुख्तार अंसारी का होम डिस्ट्रिक्ट होने के चलते यहां के मुस्लिम मतदाताओं पर उनके परिवार का प्रभाव नजर आता है. मुख़्तार अंसारी मऊ से 5 बार विधायक रह चुके हैं और अब उनके बेटे सुभाषपा से मौजूदा विधायक हैं. इसके चलते मुस्लिम वोट एकमुश्त होकर बीजेपी के खिलाफ जीतने वाले प्रत्याशी को पड़ा. यहा किसी भी दल ने मुस्लिम कैंडिडेट उतारा ही नहीं था, जिसकी वजह से एकमुश्त मुस्लिम वोट सपा के झोली में गिरे.

देर से एक्टिव हुए योगी

इस बार के उपचुनाव में अखिलेश यादव एक्टिव रहे तो सीएम योगी ने अंतिम समय में मोर्चा संभाला. इसके पहले उल्टा होता था. बीजेपी की पूरी मशीनरी उपचुनावों में लगी होती थी और अखिलेश यादव नदारद रहते थे.

ठाकुर वोटों को शिफ्ट होना

माना जाता है कि योगी आदित्यनाथ के चलते यूपी के ठाकुर वोट पूरी तरह से बीजेपी की ओर शिफ्ट हो गए हैं. लेकिन घोसी में स्थानीय फैक्टर के चलते ठाकुर वोट बीजेपी को नहीं मिले. दरअसल सुधाकर सिंह लोकल घोसी विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं, जबकि दारासिंह चौहान पड़ोस की मधुबन विधानसभा के रहने वाले हैं. कहा जाता है कि गोरखपुर आस-पास के जिलो में यह चर्चा है कि सीएम योगी, दारा सिंह और OP राजभर दोनों को पसंद नहीं करते. चर्चा यह भी है कि योगी इन दोनों नेताओं को बीजेपी में शामिल नहीं करना चाहते थे.

BSP प्रत्याशी का न होना

बीएसपी उम्मीदवार के न होना से भी सपा को फायदा मिला. चुनावों के अंतिम समय में मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधी, जिससे उनके वोटरों में यह संदेश गया कि बीजेपी को वोट देना जरूरी नहीं है. 2022 के चुनावों में बीएसपी के खाते में 21 परसेंट वोट गए थे. जो इस बार आधा भी बंटा हो तो समाजवादी पार्टी के लिए यह लाभकारी रहा.

इंडिया गठबंधन का मिला फायदा

घोसी उपचुनावों में सपा के पक्ष में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया. वामपंथियों ने भी अपना अखिलेश यादव को दिया. अपना दल कमेरावादी आदि छोटी पार्टियों ने भी समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार किया. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इन चुनावों को विपक्षी गुट INDIA के लिए बड़े टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है.

कौन हैं  दारा सिंह चौहान?

घोसी उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह की पहचान एक दबंग नेता की है. वे नौनिया चौहान नामक पिछड़ी जाति से आते हैं. अपने राजनीतिक जीवन में एक दल से दूसरे दल में तेजी से आवाजाही के कारण अब उनकी छवि एक दलबदलू नेता की बन गई है. करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक दारा सिंह चौहान पर कई आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. उन पर चोरी, डकैती से जुड़े भी आरोप लगाए गए हैं.

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