Farmers Protest: किसानों की आज सरकार से मीटिंग, गाजीपुर बॉर्डर पर किया हवन
कृषि कानून के मसले पर किसानों का विरोध लगातार लगातार जारी है. अपनी मांग को लेकर किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. दिल्ली सीमा पर बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से आंदोलन को खत्म करने के लिए कोशिशें जारी हैं और इसी कड़ी में गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक होनी है. इस बैठक में 32 किसान संगठन और तीन संयुक्त मोर्चा के किसान नेता शामिल होंगे. इससे पहले हुई बैठक में कोई हल नहीं निकला था. बॉर्डर पर बैठे किसान तब तक हटने को तैयार नहीं है जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है. इसी कड़ी में गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर (दिल्ली-यूपी सीमा) पर किसानों का एक समूह हवन करना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली:- कृषि कानून के मसले पर किसानों का विरोध लगातार लगातार जारी है. अपनी मांग को लेकर किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. दिल्ली सीमा पर बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से आंदोलन को खत्म करने के लिए कोशिशें जारी हैं और इसी कड़ी में गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक होनी है. इस बैठक में 32 किसान संगठन और तीन संयुक्त मोर्चा के किसान नेता शामिल होंगे. इससे पहले हुई बैठक में कोई हल नहीं निकला था. बॉर्डर पर बैठे किसान तब तक हटने को तैयार नहीं है जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है. इसी कड़ी में गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर (दिल्ली-यूपी सीमा) पर किसानों का एक समूह हवन करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को आज केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से काफी उम्मीदें हैं. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में जाएगा. इतनी संख्या में किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी से यहां पहुंच रहे हैं. वहीं, बैठक से पहले किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव ने नाराजगी जताते हुए कहा, पूरे देश के 507 संगठन हैं, मोदी जी सबको क्यों नहीं बुलाते? केंद्र सरकार पूरे देश के संगठनों को बांट रही है उनमें फूट डालने की कोशिश कर रही है. ये लड़ाई पूरे देश के किसानों की है। हम बैठक में नहीं जाएंगे.
ANI का ट्वीट:-
गौरतलब हो कि इससे पहले, एक दिसंबर और 13 नवंबर को किसान नेताओं के साथ मंत्री स्तर की वार्ता हुई थी. जबकि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ नये कानूनों को लेकर किसान प्रतिनिधियों की वार्ता इन बैठकों से पहले ही हुई थी. उधर, दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे किसानों का आंदोलन गुरुवार को आठवें दिन जारी है और आंदोलन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के किसान संगठनों के साथ-साथ ट्रांसपोटरों के एसोसिएशन ने भी किसान आंदोलन को समर्थन दिया है.