नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ट्वीट करते हुए इमरजेंसी की 43वीं बरसी को देश का एक काला अध्याय बताया है. प्रधानमंत्री मोदी मोदी ने ट्वीट कर लिखा मैं आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को सलाम करता हूं. पीएम नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के उस दौर को 'डार्क पीरियड' बताया है. वहीं मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी 1975 में आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों से मुलाकात करेंगे.
बता दें कि आज से 43 साल पहले इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था. आपातकाल के उसी दिन को याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी देशभर में ब्लैक डे मना रही है. बता दें कि आज पीएम मोदी मुंबई के दौरे पर हैं. जहां मुंबई में सुबह 10.30 बजे एक कार्यक्रम में वो शामिल होंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन मुंबई के न्यूमरीन लाइंस स्थित बिरला मातोश्री सभागृह में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है.
I salute the courage of all those great women and men who steadfastly resisted the Emergency, which was imposed 43 years ago. Their struggles ensured people power prevailed over authoritarianism and the stifling of civil liberties.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2018
इंदिरा गांधी द्वारा लगाया आपातकाल पूरे 21 महीने तक चला था. आपातकाल की जानकारी रेडियो के माध्यम से दिया था. इंदिरा गांधी ने घोषणा करते हुए कहा था कि भाइयों और बहनों आज देश में आपातकाल की घोषणा की जाती है. आपको इस आपातकाल से घबराने की जरूरत नहीं है.
India remembers the Emergency as a dark period during which every institution was subverted and an atmosphere of fear was created. Not only people but also ideas and artistic freedom were held hostage to power politics.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2018
जेटली ने इंदिरा गांधी की हिटलर से की तुलना
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना हिटलर से किया और कहा कि दोनों ने लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए संविधान का इस्तेमाल किया था. इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था. आपातकाल की 43वीं बरसी पर जेटली ने यह भी कहा कि जर्मन तानाशाह की तरह गांधी भी भारत को एक वंशवादी लोकतंत्र में बदलने के लिए आगे बढ़ी थीं.
उन्होंने कहा, हिटलर और गांधी दोनों ने कभी भी संविधान को रद्द नहीं किया. उन्होंने लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए एक गणतंत्र के संविधान का उपयोग किया. बीजेपी नेता ने कहा कि गांधी ने अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू किया, अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया और दावा किया कि विपक्ष ने अव्यवस्था पैदा करने की योजना बनाई थी.