चुनाव प्रचार में सैनिकों की फोटो का इस्तेमाल करना पड़ सकता है मंहगा, चुनाव आयोग ने दी चेतावनी

आगामी लोकसभा चुनावों के ऐलान से महज कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने देश के राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है. आयोग ने सभी राजनैतिक पार्टियों को अपने चुनाव प्रचार में सैनिकों की फोटो का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है.

चुनाव आयोग (Photo Credit- File Photo)

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनावों के ऐलान से महज कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने देश के राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है. आयोग ने सभी राजनैतिक पार्टियों को अपने चुनाव प्रचार में सैनिकों की फोटो का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग के हवाले से बताया कि चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए एक राजनीतिक नेता या उम्मीदवार को युद्ध या आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का जिक्र करने से कभी कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है. लेकिन पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक नेताओं की तस्वीरों के साथ-साथ अपने चुनाव प्रचार सामग्री में सशस्त्र बलों या रक्षा कर्मियों के प्रमुखों की तस्वीरों का उपयोग करने पर सख्ती से निपटा जाएगा.

गौरतलब हो कि पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास (सेवानिवृत्त) ने हाल ही में चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि उसे राजनीतिक दलों को पुलवामा हमला, बालाकोट की हवाई कार्रवाई और विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तान से वापस आने के मुद्दे को मतदाता को लुभाने के लिए इस्तेमाल करने से रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे एक खुले पत्र में उन्होंने कई पार्टियों द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए सशस्त्र बलों के शौर्य का इस्तेमाल किये जाने की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कुछ ही हफ्ते में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में खासतौर पर महत्वपूर्ण है कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इन घटनाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाए.

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