बिहार: महागठबंधन की बैठक में लोकसभा चुनाव की हार पर हुई चर्चा, सरकार के खिलाफ संघर्ष का निर्णय
लोकसभा चुनाव में हार के बाद महागठंधन में शामिल दलों के नेताओं की यहां मंगलवार को पहली बार बैठक हुई. बैठक में सभी नेताओं ने एकस्वर में संघर्ष करने की बात कही. इस बैठक में आने वाले दिनों में जनसंघर्षो के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष करने का निर्णय लिया गया.
पटना : लोकसभा चुनाव में हार के बाद महागठंधन में शामिल दलों के नेताओं की यहां मंगलवार को पहली बार बैठक हुई. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की हार पर चर्चा की गई, तथा आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में सभी नेताओं ने एकस्वर में संघर्ष करने की बात कही. बैठक में नेताओं ने कहा कि "राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का महागठबंधन महज चुनाव के लिए नहीं था. यह गठबंधन अवाम के सरोकारों को उसकी समेकित पूर्ति के लिए था और हम अपनी सामूहिक जिम्मेवारी को भली भांति समझते हैं."
सभी दल के नेताओं ने एकसुर में कहा कि "हम सबका यह मानना है कि गरीब-गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों से मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है." बैठक के बाद बाहर निकले हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "महागठबंधन आज भी मजबूत है और भविष्य में यह और मजबूत होगा. हमलोग साथ मिलकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे."
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बैठक में शामिल नेताओं ने कहा, "महागठबंधन के तमाम सहयोगी दल इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि मौजूदा दौर में राजनीति के स्वरूप और चरित्र को बदलना भी हमारी जिम्मेदारी है. राज्य और राष्ट्र को एक वैकल्पिक लोकोन्मुख राजनीति का तेवर दिया जाए, ये हम सबों का भरोसा है."
गठबंधन सिर्फ नेताओं के बीच का गठबंधन नहीं, बल्कि समाज के हाशिये पर पड़े लोगों का हाथ पकड़ कर चलने की प्रतिबद्घता का दूसरा नाम है. इस बैठक में आने वाले दिनों में जनसंघर्षो के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में राजद के तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और बिहार के प्रभारी विरेन्द्र राठौर, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे उपस्थित थे.