Unlock 1: सीएम केजरीवाल के ऐलान के बाद आज से दिल्ली बॉर्डर सील, सिर्फ पास वालों को मिलेगी एंट्री
देश कोरोना संकट के लड़ रहा है. कोविड-19 से संक्रमित मामले भी रोजाना बढ़ रहे हैं. लेकिन लगातार हो रहे आर्थिक नुकसान के चलते देश को ऐसे हालात में सावधानी से जीना ही है. कोरोना के मद्देनजर देश में लॉकडाउन 5.0 का आज दूसरा दिन है. इसे केंद्र की मोदी सरकार ने अनलॉक 1 भी नाम दिया हुआ है. यही कारण है कि देश में चल रही पाबंदियां धीरे-धीरे कम हो रही हैं.
नई दिल्ली. देश कोरोना (Coronavirus Outbreak) संकट के लड़ रहा है. कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित मामले भी रोजाना बढ़ रहे हैं. लेकिन लगातार हो रहे आर्थिक नुकसान के चलते देश को ऐसे हालात में सावधानी से जीना ही है. कोरोना के मद्देनजर देश में लॉकडाउन 5.0 (Lockdown 5.0 in India) का आज दूसरा दिन है. इसे केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने अनलॉक 1 (Unlock 1) भी नाम दिया हुआ है. यही कारण है कि देश में चल रही पाबंदियां धीरे-धीरे कम हो रही हैं. इस बीच राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के एक फैसले से आसपास के राज्यों से काम के लिए आने वालों लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं.
दरअसल केजरीवाल ने आज से अगले एक सप्ताह तक दिल्ली के बॉर्डर सील करने का ऐलान किया है.जिसके कारण सिर्फ पास वालों को ही एंट्री मिलने वाली है. ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के निर्णय के बाद बॉर्डर पूरी तरह से सील हो गए हैं, जिसके कारण दिल्ली में उन्हें ही आने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास प्रशासन की तरफ से दिया गया पास होगा या फिर वो जरूरी क्षेत्र में कार्य काम करते होंगे. एएनआई के अनुसार दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर वाहनों की जांच करते हुए पुलिसकर्मी दिखाई दिए हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल घोषणा की कि दिल्ली की सीमाओं को अगले एक सप्ताह के लिए सील कर दिया जाएगा और केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी. यह भी पढ़ें-कोरोना संकट के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र से मांगी 5000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
ANI का ट्वीट-
ज्ञात हो कि राजधानी दिल्ली में सभी तरह के ऑफिस खुलना शुरू हो गए हैं, फिर चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट. वहीं दिल्ली में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 10 हजार 893 हो गई है. इसके साथ ही कोविड-19 की चपेट में आने से 473 लोगों की मौत हुई है. जबकि 8 हजार 478 लोग इलाज के बाद ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं.