Constitution Assassination Day: केंद्र के कदम पर राजनीतिक दलों की मिलीजुली प्रतिक्रिया
केंद्र द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किये जाने की विपक्षी दलों ने जहां खुलकर आलोचना की है, वहीं एनडीए में शामिल दलों ने इस कदम की तारीफ की है.
Constitution Assassination Day: केंद्र द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किये जाने की विपक्षी दलों ने जहां खुलकर आलोचना की है, वहीं एनडीए में शामिल दलों ने इस कदम की तारीफ की है. राजद सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा, “आप लोग (एनडीए के घटक दल) कह रहे हैं कि हम 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाएंगे. आप लोगों ने तो खुद ही संविधान को तहस-नहस करके रख दिया है. उसके मर्म को आहत करके रख दिया है. चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में रख दिया. सामाजिक कार्यकर्ताओं को आप लोगों ने जेल में डाल दिया. फादर स्टेन स्वामी दुनिया से चले गए.
आप लोगों ने ईडी, आईटी और सीबीआई के जरिए संविधान के पन्नों को तार-तार करके रख दिया है. इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है. हालांकि, मैं यहां पर हत्या शब्द का इस्तेमाल फिर भी नहीं करूंगा, क्योंकि इस तरह के शब्द आपके वैचारिक रुझान के हैं." उन्होंने आगे कहा, “मैं तो आपसे आग्रह करूंगा कि शहीद दिवस 30 जनवरी को हमारे बापू की हत्या हुई थी, उसे आप बापू हत्या दिवस के रूप में मनाना शुरू कीजिए और जिस व्यक्ति ने यह कुकृत्य किया था, उसके वैचारिक और सांगठनिक रुझान को सामने लाइए. स्वीकार कीजिए, क्या आप लोग ऐसा कर पाएंगे. एक बात याद रखिएगा। इमरजेंसी के दौरान माफी मांगने वाले कौन-कौन लोग थे. सब आप ही के संगठन के थे या नागपुर वाले संगठन के थे। वो चिट्ठियां पब्लिक डोमेन में हैं. मेरा यही कहना है कि दोहरा चरित्र नहीं होना चाहिए। जनता ने आपको ऐसा जनादेश देकर झटका दिया है. यह भी पढ़ें: Om Birla On Developed Countries: विकसित देशों के कई कदम समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन- ओम बिरला
संविधान संकल्प दिवस तो यकीन मानिए मुझे अच्छा लगता, लेकिन क्या करें, आपकी भी गलती नहीं है. आपके दिमाग में हमेशा ही विभीषिका और हत्या जैसे शब्द ही रहते हैं. हालांकि, यह आपकी शब्दावली है. मेरा सुझाव है कि आप संविधान को पढ़िए और वैसा ही समाज गढ़िए.“ जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मैं केंद्र सरकार के इस फैसले की भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं. जिस तरह से लोकतंत्र का कत्ल किया गया था, उसके विरोध में संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला हुआ है. मैं खुद भी आपातकाल के दौरान जेल में रहा हूं, इसलिए मैं खुद उन तकलीफों से बावस्ता हूं, जो लोकतंत्र के सेनानियों को दी गई थी.
किस प्रकार से हमारे नेता जॉर्ज फर्नांडिस के भाई और उनके परिवार को तकलीफ दी गई थी. लिहाजा मैं केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं.” कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि भाजपा एक कट्टरपंथी पार्टी है, जो संविधान को संभालने में पूरी तरह से विफल रही है. हम सभी जानते हैं कि जब लोगों ने 'इंडिया' गठबंधन का गठन किया था, तो इन लोगों ने नाम पर आपत्ति जताते हुए इसका नाम भारत रखने का सुझाव दिया था और अब जब जय संविधान एक मुद्दा बनता जा रहा है, तो यह लोग इस तरह से मुद्दे उठाकर लोगों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं.
यह एक तरह का कुचक्र है. आरएसएस ने इस काम के लिए भाजपा को तैयार किया है. इसके तहत केंद्र सरकार यह सब कर रही है. हम सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार ऐसा करके लोगों का ध्यान असल मुद्दे से भटकाने चाहती है.“ उन्होंने आगे कहा, “यह सरकार एक नहीं, बल्कि कई मोर्चों पर विफल साबित हुई है. आप नीट एग्जाम को देख लीजिए. नीट एग्जाम का पेपर लीक हो गया. न जाने कितने ही बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. इस सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर सेना में भेदभाव करने का प्रयास किया है, लेकिन लोग इस तरह की राजनीति को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे, बल्कि लोग इन्हें जल्द ही सिरे से खारिज करने वाले हैं.