हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: बीजेपी का मिशन 75 अभियान जोरों पर, सीएम मनोहर लाल खट्टर कर रहे हैं ताबड़तोड़ रैलियां
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का अंतिम चरण जोरों पर है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने अत्यंत व्यस्त कार्यक्रम के तहत एक दिन में छह या सात जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ज्यादातर हेलीकॉप्टर से ही रैली स्थल तक पहुंचते हैं. दोपहर का भोजन अक्सर हेलिकॉप्टर में ही होता है. लेकिन शाम को हेलीकॉप्टर को छोड़ सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं.
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का अंतिम चरण जोरों पर है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) अपने अत्यंत व्यस्त कार्यक्रम के तहत एक दिन में छह या सात जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ज्यादातर हेलीकॉप्टर से ही रैली स्थल तक पहुंचते हैं. दोपहर का भोजन अक्सर हेलिकॉप्टर में ही होता है. लेकिन शाम को हेलीकॉप्टर को छोड़ सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं.
भाजपा ने 90-सदस्यीय विधानसभा की कम से कम 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, जिसे पार्टी ने ‘मिशन 75’ का नाम दिया है. खट्टर खुद करनाल से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां 11 अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तारलोचन सिंह (कांग्रेस) और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव शामिल हैं. खट्टर ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 63,000 मतों से यह सीट जीती थी और वह पहली बार विधायक बने थे.
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भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुन कर सबको चौंका दिया था. 18 वर्ष में वह राज्य के पहले गैर-जाट मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस की सुमिता सिंह ने 2005 और 2009 के विधानसभा चुनावों में करनाल सीट पर जीत हासिल की थी. खट्टर ने 21 अक्टूबर के होने जा रहे चुनाव से पहले की अपनी जनसभाओं में कहा कि शुरुआत में उन्हें नौसिखिया कहा गया था. उन्होंने कहा, ‘‘बहुत लोग थे, जो यह कहते थे कि मैं नया हूँ और मुझमें अनुभव की कमी है. कुछ लोगों ने मुझे ‘अनाड़ी’ भी कहा. लेकिन अब वही लोग कहते हैं कि मैं ‘अनाड़ी’ नहीं, बल्कि राजनीति का ‘खिलाड़ी’ हूं.’’
खट्टर ने अपने भाषणों में केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले की जमकर प्रशंसा की है. उन्होंने कांग्रेस नेताओं को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती भी दी है. फतेहाबाद के टोहाना में आयोजित एक जनसभा में खट्टर ने वंशवादी राजनीति पर हमला करते हुए दावा किया कि विरासत और रियासत की संस्कृति समाप्त हो गई है.
इस सीट से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और राज्य में पहले शासन करने वाले अन्य दलों की राजनीति के बीच यही अंतर है. उन्होंने ‘परिवारवाद’ को बढ़ावा दिया, हमने इसका विरोध किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अब लोकतंत्र में रह रहे हैं, लेकिन वे कहते हैं कि यह मेरी ‘रियासत’ है.’’