CJI रमना के निशाने पर राजनीतिक दल, कहा- वे चाहते हैं कोर्ट उनके एजेंडे का समर्थन करें

भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि भारत में राजनीतिक दलों के बीच यह गलत धारणा है कि न्यायपालिका को उनके अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए

CJI N. V. Ramana (Photo Credits Twitter)

CJI N. V. Ramana On Political Party: भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (सीजेआई) ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका एक स्वतंत्र अंग है जो अकेले संविधान के प्रति जवाबदेह है, न कि किसी राजनीतिक दल और विचारधारा के प्रति. उन्होंने कहा कि भारत में राजनीतिक दलों के बीच यह गलत धारणा है कि न्यायपालिका को उनके अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नूपुर शर्मा की बढ़ सकती है मुश्किलें, पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस ने दोबारा नोटिस भेजा

सीजेआई ने कहा "जैसा कि हम इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहे हैं और जब हमारा गणतंत्र 72 वर्ष का हो गया है, तो कुछ अफसोस के साथ मुझे यहां यह जोड़ना चाहिए कि हमने अभी भी प्रत्येक संस्थान को संविधान द्वारा सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है. सत्ता में मौजूद पार्टी का मानना ​​है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है. विपक्षी दल न्यायपालिका से अपने राजनीतिक पदों और कारणों को आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं "

एनवी रमना ने कहा कि इस तरह की विचार प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र की समझ की कमी से पैदा होती है. उन्होंने कहा, "यह आम जनता के बीच सख्ती से प्रचारित अज्ञानता है जो ऐसी ताकतों की सहायता के लिए आ रही है, जिनका एकमात्र उद्देश्य एकमात्र स्वतंत्र अंग यानी न्यायपालिका को खत्म करना है."

हालांकि, उन्होंने रेखांकित किया कि न्यायपालिका अकेले संविधान के प्रति जवाबदेह है. उन्होंने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम (न्यायपालिका) अकेले संविधान और संविधान के प्रति जवाबदेह हैं. संविधान में परिकल्पित नियंत्रण और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए हमें भारत में संवैधानिक संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है."

CJI संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडो-अमेरिकन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. अपने भाषण में, CJI ने सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला.

 

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