छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है लेकिन इसके बाद भी पार्टी के भीतर घमासान जारी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज हैं, जिससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की मुसीबत बढ़ती जा रही है. अब सीएम बघेल ने अपने नेताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पर में सीएम ने पीएम मोदी से छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या में इजाफा करने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए राज्य की भौगोलिक स्थिति और क्षेत्रफल का हवाला देते हुए कुल विधायकों की संख्या के 15 फीसदी की बजाए 20 फीसदी मंत्री पद किए जाने की मांग की है.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में सीएम बघेल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1 A) में किसी राज्य में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 15 प्रतिशत से अधिक नही होने का प्रावधान है. इस प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 13 से अधिक नहीं हो सकती. जबकि छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 1.35 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक है और यह देश के कुल भूभाग का 4.4 प्रतिशत है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार एवं पश्चिम बंगाल से भी अधिक है.
सीएम ने क्या लिखा अपने पत्र में
उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति का 12 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या लगभग 45 प्रतिशत है. इस दृष्टि नए राज्य में भौगोलिक क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए मंत्रि परिषद के सदस्यों की संख्या में वृद्धि किया जाना आवश्यक है.
मंत्रिमंडल में जगह ने मिलने से नाराज हैं नेता
दरअसल, भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ला और धनेन्द्र साहू को जगह नहीं मिल पाई है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा के विधायक बेटे अरुण वोरा भी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने से नाराज हैं. बस्तर से आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री मनोज मंडावी भी मंत्री नहीं बनने से असंतुष्ट हैं. पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत भगत भी मंत्रिमंडल में जगह चाहते थे. वे तीसरी बार विधायक बने हैं, इसके अलावा 8 बार के विधायक और पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह को भी इस मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं मिली. मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से उनकी नाराजगी इस कदर थी कि वे शपथ ग्रहण स्थल से आधा अधूरा कार्यक्रम छोड़ कर चले गए थे.