Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन की जंग पर भारत का बड़ा बयान, विदेश मंत्रा जयशंकर ने बताया आखिर क्या है चुनौती

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है इसलिए भारत के लिए अपने नागरिकों को तेल की बढ़ती कीमतों के बोझ से बचाना भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर (Photo Credits: PTI)

साओ पाउलो (ब्राजील), 21 अगस्त: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत को यह सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है कि उसके आर्थिक हितों की अच्छी तरह से रक्षा की जाए और उसके उपभोक्ताओं को यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर तेल की कीमतों में भारी उछाल से बचाया जाए. सलमान रुश्दी पर हमले पर बोले इमरान खान, 'जो हुआ उसे सही नहीं ठहराया जा सकता'

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है इसलिए भारत के लिए अपने नागरिकों को तेल की बढ़ती कीमतों के बोझ से बचाना भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है.

दक्षिण अमेरिकी देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में यहां पहुंचे जयशंकर ने शनिवार को यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण भारत की ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गयी हैं. यूक्रेन संघर्ष ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को काफी प्रभावित किया है.

रूस से सस्ती कीमतों पर तेल खरीदने के भारत के कदम का बचाव करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे पास एक चुनौती है. हमें कूटनीति के माध्यम से, विभिन्न सरकारों के साथ बातचीत के माध्यम से यह सुनिश्चित करना है कि हमारे आर्थिक हितों की अच्छी तरह से सुरक्षा हो और भारतीय उपभोक्ताओं को तेल की लगातार बढ़ती हुई कीमतों से जितना संभव हो सके बचाया जाए.’’

विदेश मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया वैश्वीकरण के दौर में है और यदि दुनिया के एक कोने में कुछ होता है तो बाकी सभी इससे प्रभावित होते हैं. उन्होंने कहा कि ऊर्जा के संबंध में भारत के राष्ट्रीय हितों को हर संभव तरीके से पूरा करने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

गौरतलब है कि यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को रूस की ओर से हमले की शुरुआत के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. भारत ने पश्चिमी देशों की ओर से की गयी आलोचना के बावजूद यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से तेल आयात बढ़ाया है और व्यापार के लिए मास्को के साथ संपर्क बनाए रखा है.

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