मोदी-शाह क्लीन चिट मामला: चुनाव आयोग में आपसी मतभेद, CEC सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा आमने-सामने

चुनाव आयोग में फैसले को लेकर हो रहे विवाद और लवासा की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद अब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अपनी बात सामने रखी है, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'चुनाव आयोग में 3 सदस्य होते हैं और तीनों एक-दूसरे के क्लोन नहीं हो सकते. मैं किसी भी तरह के बहस से नहीं भागता. हर चीज का वक्त होता है.'

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा (Photo Credits: IANS)

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के खत्म होते-होते चुनाव आयोग के आपसी मतभेद सामने आने लगे है. पीएम मोदी और अमित शाह से जुड़े आचार संहिता उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दिए जाने से नाराज चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok Lavasa) ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) को पत्र लिखकर मांग की है कि आयोग के फैसलों में आयुक्तों के बीच मतभेद को भी आधिकारिक रिकॉर्ड पर शामिल किया जाए.

इतना ही नहीं असहमति जताते हुए लवासा नेआयोग की मीटिंग में शामिल होने से साफ मना कर दिया है. उनका कहना है मीटिंग में जाने का कोई मतलब नहीं है इसलिए दूसरे उपायों पर विचार कर सकता हूं.

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चुनाव आयोग में फैसले को लेकर हो रहे विवाद और लवासा की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद अब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अपनी बात सामने रखी है, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'चुनाव आयोग में 3 सदस्य होते हैं और तीनों एक-दूसरे के क्लोन नहीं हो सकते. मैं किसी भी तरह के बहस से नहीं भागता. हर चीज का वक्त होता है.'

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी मुद्दे को हवा देकर अपने लिए मौका तलाश रही है. पूरे विवाद पर कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग मोदी का पिट्ठू बना चुना है, अशोक लवासा की चिट्ठी से साफ है कि सीईसी और उनके सहयोगी लवासा के बीच नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर जो अलग मत है, उसे रिकॉर्ड करने को तैयार नहीं हैं.

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