आरक्षण के मुद्दे पर मायावती ने केंद्र सरकार को घेरा, लगाया भेदभाव का आरोप

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है और कहा कि केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पिछड़े अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) व अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास विफल हो रहा है.

बीएसपी चीफ मायावती (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है और कहा कि केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पिछड़े अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) व अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास विफल हो रहा है.

मायावती ने ट्वीट किया "कांग्रेस के बाद अब भाजपा व इनकी केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है."उन्होंने कहा, "केंद्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है. यह भी पढ़े: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को बुलाया भारत बंद

देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "ऐसे में केंद्र सरकार से पुन: मांग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे, जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है."

Share Now

\