लखनऊ, 24 अगस्त: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही साल 2022 में हो, लेकिन सभी दल अपने-अपने तरीके से लामबंदी में लगे हुए हैं. इन सबके बीच बीजेपी सरकार दोबारा सत्ता पाने के लिए राम का ही सहारे आगे बढ़ने के फिराक में लगी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार राममंदिर निर्माण की मुहिम को लेकर जनमानस के पास जाने की तैयारी में हैं. बीजेपी चाहती है कि धर्म के साथ विकास की राजनीति आगे बढ़े, इसलिए इस ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं. संगठन और सरकार राम को लेकर काफी संजीदा है.
अभी हाल में मुख्यमंत्री योगी के विधानसभा में भाषण में यह चीज देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि राम के बिना कोई वैतरणी पार नहीं कर सकता. इशारे-इशारे में उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक एजेंडे को लागू करने का संकेत दिया है. सरकार कुंभ की तर्ज पर अयोध्या में राममंदिर शुभारंभ की ब्रांडिंग की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा में कहा था, "हम अयोध्यापुरी के विकास की नई रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. अभी राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के शुभारंभ का प्रसाद हर प्रदेश तक और हर जनप्रतिनिधि तक पहुंचाने के कार्य को अपने हाथों में लेना है. प्रदेश में सरकार सबको प्रसाद पहुंचाने का दायित्व निभाएगी."
उन्होंने कहा, "जिस प्रकार प्रयागराज कुंभ के समय मंत्रियों ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में कुंभ को यूनिक इवेंट के रूप में प्रस्तुत किया, उसी तरह अयोध्या की इस घटना को हम देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे." उनके इस भाषण के बाद यह तो साफ हो गया है कि बीजेपी सरकार अपने रामरूपी एजेंडे को अभी छोड़ने वाली नहीं है. विपक्ष भले राम बनाम परशुराम की राजनीति कर मामले को उलझना चाहती हो, लेकिन बीजेपी राम के सहारे आगे की चुनावी वैतरणी पार करने की तैयारी में है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन 5 अगस्त को हो चुका है. इसके साथ ही राम मंदिर का निर्माण भी लगभग शुरू हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी अयोध्या के विकास को लेकर काफी संजीदा रहते हैं. वह कई बार ट्विटर के माध्यम से कह चुके हैं कि "रामकाज कीन्हें बिना मोहू कहां विश्राम."
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ अयोध्या पर हर वक्त ध्यान केंद्रित किए रहे और अब तक कम से कम दो दर्जन बार वह अयोध्या की यात्रा कर चुके हैं. सरकार बनने के बाद पहली ही दिवाली उन्होंने अयोध्या में मनाई और भव्य तरीके से मनाई. रामनगरी अयोध्या का करीब 2,000 करोड़ रुपये से कायाकल्प होने जा रहा है. राम सर्किट और स्वदेश दर्शन योजना के तहत घाटों के सुंदरीकरण के साथ और भी कई काम पहले ही हो चुके हैं.
वरिष्ठ पत्रकार राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि बीजेपी राममंदिर के एजेंडे को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से उठाती रही है. कभी संघ आगे रहा तो कभी बीजेपी आगे रही है. अब जब मंदिर निर्माण की नींव रख दी गई है. लोगों से जो एक वायदा था, वह पूरा हो रहा है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी निश्चित ही चुनाव में जाएगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी सांप्रदायिक छवि को हटाने के लिए अयोध्या को विकसित भी कर रही है, जिससे उसकी विकास वाली छवि भी बन रही है. इसकी काट के लिए विपक्षी दल भी अब राम के सहारे आने के फिराक में लगे हैं.