हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में CM धामी ने जहां-जहां की रैली, वहां-वहां जीत रही बीजेपी, 99% स्ट्राइक रेट
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में CM पुष्कर सिंह धामी का अंदाज जनता को खूब भाया है. जिन सीटों पर सीएम धामी ने चुनावी सभाएं कीं, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है. अब तक के चुनावी रुझानों में जहां-जहां उन्होंने प्रचार किया, उन सीटों पर बीजेपी को भारी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अंदाज जनता को खूब भाया है. जिन सीटों पर सीएम धामी ने चुनावी सभाएं कीं, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है. अब तक के चुनावी रुझानों में जहां-जहां उन्होंने प्रचार किया, उन सीटों पर बीजेपी को भारी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है.
धामी के चुनावी कैंपेन के बाद इन सीटों पर 99% की जीत का प्रतिशत देखा गया है, और ऐसा माना जा रहा है कि दिन के अंत तक यह स्ट्राइक रेट 100% तक पहुंच सकता है. उनके प्रभावशाली चुनाव प्रचार और जनता के बीच लोकप्रियता के चलते बीजेपी के पक्ष में तेजी से वोट गिने जा रहे हैं.
सीएम धामी का ये अंदाज न केवल हरियाणा में बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी बीजेपी के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ है. जहां-जहां उन्होंने रैलियां कीं, वहां का माहौल पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में झुक गया है. अब देखना यह होगा कि क्या सीएम धामी की इस कैंपेनिंग से बीजेपी को और कितनी बढ़त मिलती है, लेकिन फिलहाल वोटों का आंकड़ा तेजी से बीजेपी के समर्थन में निकल रहा है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: पार्टी वार नतीजे
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है. यहां दिए गए हैं पार्टी वार नतीजे:
पार्टी | जीते | आगे | कुल |
---|---|---|---|
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस - INC | 1 | 33 | 34 |
भारतीय जनता पार्टी - बीजेपी | 0 | 51 | 51 |
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल - INLD | 0 | 1 | 1 |
बहुजन समाज पार्टी - BSP | 0 | 1 | 1 |
स्वतंत्र - IND | 0 | 3 | 3 |
कुल | 1 | 89 | 90 |
नतीजों का विश्लेषण
- कांग्रेस: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने 1 सीट जीती है और 33 सीटों पर आगे है, जो पार्टी के लिए उम्मीद की किरण है.
- भाजपा: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 51 सीटों पर बढ़त बनाई है, जो राज्य में उनकी मजबूत पकड़ को दर्शाती है.
- अन्य पार्टियां: INLD, BSP और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने भी 1-3 सीटों पर स्थिति मजबूत की है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है.
यह चुनावी परिणाम हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत दे रहे हैं. सभी पार्टियों के लिए यह स्थिति चिंतन का विषय बन चुकी है, खासकर कांग्रेस के लिए, जो अपनी वापसी की उम्मीद कर रही है.